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MP: आदिवासी वोट बैंक का अखाड़ा बना नेमावर, गड्ढे से निकले थे 5 शव

नेमावर हत्याकांड (nemawar Murder case) ने कांग्रेस, जयस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरने का मौका तो दिया ही है लेकिन इसके साथ ही उन्हें आदिवासी समाज के बीच अपनी पैठ बनाने का एक मैदान भी दे दिया है.

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नेमावर हत्याकांड से बढ़ी सरगर्मी (फाइल फोटो)
नेमावर हत्याकांड से बढ़ी सरगर्मी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पांच लोगों की हत्या के बाद दहशत में शहर
  • शिवराज सरकार के लिए मुसीबत बन सकता है मुद्दा

मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के नेमावर (Nemawar) में पांच लोगों की जघन्य हत्याकांड के बाद देवास जिले के अंतिम छोर पर बसे इस छोटे से शहर में अब जैसे समय ठहर सा गया है.

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इलाके के लोग खौफजदा हैं और घटना के बारे में ज्यादा बोलने से बच रहे हैं. इस बीच करीब 6 हज़ार की आबादी वाला नेमावर नर्मदा नदी के केंद्र बिंदु की ही तरह मध्यप्रदेश की सियासत का केंद्र बिंदु बना हुआ है. 


दरअसल, नेमावर को नर्मदा नदी का केंद्र बिंदु माना जाता है. यहां नर्मदा नदी का नाभि कुंड है. इसके अलावा यहीं सूर्य कुंड है. नर्मदा नदी की आधी यात्रा नेमावर में ही समाप्त होती है और इसके आगे का आधा सफर अरब सागर तक तय होती है. जैन धर्म का भी यह एक प्राचीन तीर्थ है. लेकिन फिलहाल नेमावर देश भर में यहां हुए जघन्य हत्याकांड की वजह से सुर्खियों में है. 

वहीं 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए भी नेमावर प्रयोगशाला बन गया है. दरअसल, खंडवा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव होना तय है. खंडवा लोकसभा सीट पर आदिवासी, ब्राह्मण, गुर्जर और राजपूत ही जीत-हार का फैसला करते हैं. ऐसे में नेमावर में हुई आदिवासी दलित लोगों की हत्याओं का सीधा असर लोकसभा उपचुनाव पर तो होगा ही लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में भी इसे भुनाने की भरसक कोशिश होगी. 

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और पढ़ें- MP: प्रेम प्रसंग के चलते पांच लोगों की हत्या, पुलिस अबतक बरामद नहीं कर पाई मृतका का फोन

नेमावर के आसपास खंडवा, खालवा, खरगोन, हरदा, बागली, आष्टा वो इलाके हैं जहां आदिवासी वोट बैंक मजबूत माने जाते हैं. इसके अलावा मध्यप्रदेश में करीब 23 फीसदी आदिवासी हैं जो 48 विधानसभा सीटों पर मजबूत पकड़ रखते है. यानी नेमावर से आदिवासी हितों का मुद्दा उठेगा तो दूर तक जाएगा. इसलिए फिलहाल नेमावर में यह सरगर्मी खूब दिख रही है. 

मौत के गड्ढे को देखने पहुंच रहे हैं लोग


नेमावर हत्याकांड में आरोपियों ने रुपाली, ममता, दिव्या, पूजा और पवन की हत्या कर आरोपी सुरेंद्र के खेत मे 10 फीट गहरा गड्ढा बनाकर गाड़ दिया था. आरोपी सुरेन्द्र सिंह के खेत पर जिस गड्ढे में पांचों को मारकर गाड़ दिया गया था वो अब कौतूहल का विषय बन गया है. आसपास के गांवों से भी लोग घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं और हैरान हो रहे हैं कि इतनी छोटी सी जगह पर कोई लड़का इतना शातिर अपराधी कैसे हो सकता है. 

पड़ोस के गांव में रहने वाले शांतिलाल ने बताया कि वो अक्सर इस सड़क से होकर नेमावर जाता है लेकिन आज जब निकला तो खेत से बाइक अंदर मोड़ दी और यहां आ गया. यह देखने कि उसने (सुरेंद्र) ने सबको कहां गाड़ा था. एक दूसरे गांव से चंदू अपने परिवार के लोगों को लेकर यहां पहुंचा और गड्ढे की फोटो खींच कर चला गया. 

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दरअसल, आमतौर पर नेमावर या इसके आसपास के गांव में आज से पहले कभी भी इस तरह का हत्याकांड नहीं हुआ था. इसलिए लोग नेमावर में इन दिनों हत्याकांड के बाद जो हालात बने हुए हैं, उसे देखने-समझने आ रहे हैं. 

मृतकों के घर पर नेताओं का हुजूम

आमतौर पर शांत रहने वाले नेमावर में इन दिनों नेताओं का जमघट लगा हुआ है. मृतकों के घर के बाहर विपक्षी दलों के अलावा आदिवासी संगठनों के लोग भी दिनभर मौजूद रहते हैं. घर के बाहर एक कुर्सी पर सभी मृतकों की फोटो रखी है जिसपर पहले लोग उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. फिर घर के अंदर जाकर परिजनों से मुलाकात करते हैं.

नेमावर हत्याकांड में पीड़ित परिवार बेहद गरीबी में जीवन बिताता है. नेमावर बस स्टैंड के पास एक छोटे से कमरे में रुपाली और उसका परिवार रहता था. 'आजतक' जब उनके घर पहुंचा तो पाया कि सुविधा के नाम पर इस घर मे दो छोटे पंखे हैं. इसी छोटे से कमरे की दीवारों पर भगवान की तस्वीरें और मूर्तियां हैं और कोने में गैस चूल्हा और बर्तन है. यानी इसी एक कमरे में पूरा परिवार रहता था.

जब 'आजतक' यहां पहुंचा तो घर मे नेताजों का जमघट था. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, रुपाली के भाई संतोष और बहन भारती से बात कर उन्हें सांत्वना दे रहे थे. वहीं हत्याकांड में मारे गए पवन और पूजा की मां नीतू का रोरोकर बुरा हाल है. वो एक हफ्ते से कुछ खा नहीं रही है. जिसके बाद आज उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया. 

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नेमावर हत्याकांड में मारी गयी रुपाली के परिवार ने आजतक से बात की है और पुलिस के काम करने के तरीके पर सवाल उठाए हैं. 


रुपाली का भाई संतोष जो गोवा में रहकर काम करता है, उसका कहना है कि सुरेंद्र का लंबे समय से घर आना-जाना था. उसकी लगातार रुपाली से बात होती थी. संतोष का कहना है कि घटना वाली रात जीप लेने आयी थी घर पर, ऐसा पड़ोसियों ने उसे बताया है.  

वहीं रुपाली की बहन भारती ने बताया कि पुलिस के पास जब हम शिकायत लेकर गए थे तो उन्होंने इसे गम्भीरता से नहीं लिया. बीच में रुपाली के फोन से मैसेज भी आया था कि वो शादी करने जा रही है. हमें मामले की सीबीआई जांच करवानी है. आरोपियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.


इस हत्याकांड के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गृह विभाग के अफसरों और गृहमंत्री के साथ बैठक की थी. अगले ही दिन प्रशासनिक अमले ने हत्याकांड के आरोपियों का घर और दुकान जेसीबी से गिरा दिया. गांव के लोग इस मलबे के आसपास बैठे मिले तो हमने उनसे बात की. गांव के लोग घटना के बाद डरे हुए हैं और आरोपी के लिए फांसी की मांग कर रहे है. 

गांव के लोगों का कहना है कि इससे पहले नेमावर में ऐसा कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि नेमावर में लोग पुण्य कमाने आते है लेकिन गरीब के साथ जिस तरह का काम आरोपियों ने किया है उसकी उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए. 

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इस हत्याकांड के लिए रुपाली और सुरेंद्र के प्रेम प्रसंग को वजह बताया जा रहा है. गांव के लोगों से बात करने पर पता चला कि रुपाली शायद दसवीं से ज्यादा नहीं पढ़ी, लेकिन सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव रहती थी. नेमावर जैसी छोटी सी जगह पर रहकर भी रुपाली के इंस्टाग्राम फॉलोवर पांच हज़ार के करीब थे. 

वो हमेशा अपने फोटो, इंस्टाग्राम पर पोस्ट करती रहती थी. यही नहीं, आरोपी के बारे में भी उसने इंस्टाग्राम पर कई बार पोस्ट डाली थी. इसी इंस्टाग्राम पर उसने आरोपी की मंगेतर के बारे में पोस्ट डाली थी जो उसकी और बाकी चार लोगों की मौत की वजह बन गई. 

 

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