सभी मामले एक जैसे हैं, जिसमें भौतिक सत्यापन के जरिए यह सामने आया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए जिन लोगों ने आवेदन किया, वे इन तहसीलों के रहने वाले नहीं हैं.
पंजाब सरकार के कृषि मंत्री ने आज शाम 4:00 बजे चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में SKM पंजाब चैप्टर और BKU (उगराहां) के नेताओं की बैठक बुलाई है.
खनौरी सीमा और आसपास के संगरूर और पटियाला जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और अनशन पर बैठे किसान नेता डल्लेवाल को जालंधर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
शंभू और खनौरी बार्डर पर कई घंटों तक पंजाब पुलिस का ऑपरेशन चला. इसमें 700 से ज्यादा किसान हिरासत में ले लिए गए. इसके बाद रात को हरियाणा की तरफ लगी सीमेंट की बैरिकेडिंग को भी हटाने का काम शुरू कर दिया गया.
मात्रश्याम के किसान ऋषि पाल ने बताया कि उन्होंने देसी शलगम तैयार किया है, जिसका वजन दस किलो है. किसान ने बताया कि वो बड़े शलगम से बीज तैयार करते हैं.
यह पेड़ एक खामोश जल-चोर की तरह भारत की मिट्टी और पानी को खत्म कर रहा है. यह न केवल किसानों के लिए खतरा है, बल्कि पूरे देश की जैव विविधता और पारिस्थितिकी के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह भारत के कई हिस्सों को बंजर बना सकता है.
इस फार्म में करीब पांच हजार बकरे-बकरियां हैं. युवान एग्रो फार्म के संचालक श्री डी.के. सिंह के अनुसार, वर्तमान में यहां 70 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं और 200 से अधिक किसान इस पहल से जुड़े हुए हैं.
किसानों के अनुसार, उन्हें जो पारिश्रमिक देने का वादा किया है, वह भी पर्याप्त नहीं है. यहां तक कि वे अधिक कीमत पर भी अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं.
भोपाल में पराली जलाने पर अगले तीन महीने तक रोक लगा दी गई है. उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए. अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश 5 मई 2025 तक लागू रहेगा. पहले भी ऐसे आदेश जिले में लागू किए जा चुके हैं.
सहारनपुर क्षेत्र को सब्जी उत्पादन का प्रमुख केंद्र माना जाता है. यहां से हर साल हजारों टन ताजी सब्जियां विभिन्न राज्यों में भेजी जाती हैं. किसान का कहना है कि फूलगोभी की शुरुआती फसल के दाम अच्छे थे, लेकिन पछेती फसल के लिए बाजार में भाव बेहद गिर गए हैं.
कृषि हमारी दुनिया का सबसे पुराना और ज़रूरी काम है, जो अब तकनीक के साथ बदल रहा है. इस बदलाव का सबसे बड़ा हाथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का है. आइए जानते हैं, भारत के कौन-कौन से राज्यों में किसान किस तरह से AI का इस्तेमाल कर, खुद को समृद्ध और भारत को मजबूत बना रहे हैं. साथ ही ये भी जानेंगे कि नई तकनीक के इस्तेमाल से किसानों को कितना फायदा हुआ.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त किसानों के खाते में भेजी जा चुकी है. कई किसान ऐसे हैं जिनके खाते में 2000 रुपये की राशि नहीं पहुंच पाई है. आइए जानते हैं खाते में पीएम किसान सम्मान निधि की राशि ना पहुंचने के पीछे क्या वजहें हो सकती हैं.
सोलर दीदी योजना से जुड़ने से पहले देवकी देवी के परिवार का मुश्किल से गुजारा होता था, लेकिन अब वह महीने के 20 से 25 हजार रुपये आसानी से कमा लेती हैं.
खेतों में हल चलाने और बीज बोने की परंपरा अब तकनीक के नए रंग में ढल रही है. बीते कुछ सालों में जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम का रुख बदला है. इससे न सिर्फ खेती की पैदावार पर असर पड़ा है, किसानों के लिए कीटों और बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. हालात जब सामान्य से अलग हुए, तो महाराष्ट्र के किसानों ने मदद के लिए AI का रुख किया.
पीएम किसान योजना के तहत किसानों को हर साल छह हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है. हर चार-चार महीने में यानी तीन किस्तों में दो हजार रुपये किसानों के खाते में भेजे जाते हैं. इस बीच 19वीं किस्त 25 फरवरी 2023 को जारी कर दी गई है. इसके बाद भी अगर आपके खाते में 2 हजार रुपये नहीं पहुंचे हैं तो इन प्रकियाओं का पालन करें.
अगर आप भी उन्हीं किसानों में शामिल हैं, जिनके खाते में पीएम किसान योजना की किस्तें नहीं पहुंचती है तो इस स्कीम की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर ये जरूर जांचना चाहिए कि आपके द्वारा दी गई जानकारियां सही है कि नहीं.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लेने के लिए ई-केवाईसी होना अनिवार्य है. अगर आपने अभी तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है तो 19वीं किस्त से वंचित रह सकते हैं.
ये मीटिंग चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में 14 फरवरी 2025 को किसानों और केंद्र सरकार के बीच होगी. बैठक चंडीगढ़ स्थित महात्मा गांधी इंस्टिट्यूट में शाम साढ़े पांच बजे होगी.
नई सरसों के भाव में गिरावट इसलिए हुई है क्योंकि नई सरसों में नमी रहती है, जिसके चलते उससे तेल कम निकलता है. नमी की सरसों आने के चलते सरसों के भाव 4800 से 5300 प्रति क्विंटल है जबकि मंडी में प्रतिदिन केवल 200 कट्टे ही पहुंच रहे हैं.
लंबे समय तक सूखे के दौर ने शिमला के किसानों को भी चिंतित कर दिया है. सूखे के दौर से सेब की फसल के उत्पादन में कमी का खतरा मंडरा रहा है. पंजाब और हरियाणा के अधिकांश हिस्सों में भी बारिश काफी कम हुई है.
इस साल समय से पहले तापमान बढ़ने लगा है. समय से पहले ठंड कम होने से फसलों को नुकसान पहुंचता है. आइए जानते हैं कि समय से पहले गर्मी आने से किन फसलों को नुकसान हो सकता है.