Walnut Cultivation: देश के पहाड़ी राज्यों में अखरोट की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी इसकी डिमांड काफी ज्यादा है. यही वजह है किसानों को अखरोट की उपज पर ठीक-ठाक मुनाफा मिल जाता है.
इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप अखरोट की खेती करना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि जिस भी खेत का आपने चुनाव किया है उसमें पर्याप्त जलनिकासी की व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए. ज्यादा गर्म और ज्यादा ठंड दोनों ही तरह जलवायु में उपयुक्त है. इसकी खेती के लिए 20 से 25 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है.
नर्सरी विधि से होती है रोपाई
अखरोट की पौध नर्सरी में रोपाई से करीब एक साल पहले मई और जून माह में तैयार की जाती हैं. नर्सरी में इसकी पौध तैयार करने के लिए ग्राफ्टिंग विधि का इस्तेमाल किया जाता है. नर्सरी की तैयारी आपको जुलाई अगस्त के महीने से ही करनी होगी. इसे तैयार होने में तकरीबन 2 से 3 महीने लगते हैं. दिसंबर महीने तक आप इसे खेतों में लगा सकते हैं.
सिंचाई से लेकर तुड़ाई तक
अखरोट के पौधे की गर्मियों में हर सप्ताह तथा सर्दियों में 20-30 दिन बाद सिंचाई करते रहें. इसके पौधे को पूरी तरह से विकसित होने में 7-8 महीने का वक्त लगता है. यह 4 साल बाद ही फल देना शुरू कर देते हैं और तकरीबन 25-30 साल तक उत्पादन देते रहते हैं. बता दें अखरोट के फलों की ऊपरी छाल फटने तब इसकी तुड़ाई करनी शुरू कर देनी चाहिए.
इतना है मुनाफा
बाजार में ज्यादातर वक्त अखरोट की कीमत 400-700 रुपये किलो ही रहती है. इसका एक पौधा 40 किलो तक पैदावार देता है. इस हिसाब से एक पौधे से ही किसान 2800 रुपये की आमदनी हासिल कर सकता है. किसान अगर अखरोट का 20 पौधा भी लगाएगा तो आराम से 5-6 लाख तक का मुनाफा हासिल कर लेगा.