देश की सबसे बड़ी सरसों मंडी अलवर में नई सरसों की आवश्यक शुरू हो चुकी है. नई सरसों के बाजार में आने से सरसों के दाम में गिरावट हुई है. अलवर से देश-विदेश में सरसों का तेल सप्लाई होता है. इस बार सरसों की पैदावार बीते सालों की तुलना में कम हुई है इसलिए सरसों के तेल के भाव में आगामी दिनों में बढ़ोतरी हो सकती है. पुरानी सरसों के दाना सूख गए हैं इसलिए किसान को अभी उसके बेहतर दाम मिल रहे हैं.
नई सरसों के भाव में गिरावट इसलिए हुई है क्योंकि नई सरसों में नमी रहती है, जिसके चलते उससे तेल कम निकलता है. नमी की सरसों आने के चलते सरसों के भाव 4800 से 5300 प्रति क्विंटल है जबकि मंडी में प्रतिदिन केवल 200 कट्टे ही पहुंच रहे हैं. पुरानी सरसों के भाव 5750 से 5800 प्रति क्विंटल दर्ज किए गए हैं जो कि 6 महीने पूर्व करीब 6700 प्रति क्विंटल बिक चुके हैं.
पुरानी सरसों में तेल की मात्रा ज्यादा निकलती है इसलिए किसान को उसके बेहतर दाम मिल रहे हैं. सरकार के पास सरसों का पर्याप्त स्टॉक है इसलिए अभी सरसों केवल बाजार में बिक रही है. राजस्थान व आसपास के क्षेत्र से सरसों बिकने के लिए अलवर आती है. अलवर सरसों की सबसे बड़ी मंडी है क्योंकि अलवर जिले में सरसों के तेल की छोटी बड़ी 30 से ज्यादा मिल हैं. इन तेल मिलों से देश-विदेश में तेल सप्लाई होता है. इसमें कई नामी ब्रांड भी तेल सप्लायर हैं.
मंडी व्यापारी रामावतार गुप्ता ने बताया कि सरकार के पास 28 लाख टन सरसों का स्टॉक था, जिसमें से साढ़े 20 लाख टन सरकार बेच चुकी है. ऐसे में सरकार के पास 7500 क्विंटल सरसों ही शेष है, जिसको अभी सरकार नहीं बेचेगी. ऐसे में भाव बढ़ने की अभी संभावना नहीं है और ना ही सरसों के तेल के दाम बढ़ेंगे लेकिन अगर मौसम खराब होता है और सरसों पर कोई बुरा प्रभाव पड़ता है तो भाव बढ़ सकते हैं.
अगर भाव बढ़ते हैं, तब भी भाव का ज्यादा फर्क नजर नहीं आएगा. इसके अलावा अब सरकार समर्थन मूल्य में 5950 प्रति क्विंटल के भाव से सरसों की खरीद करेगी. किसान को फिर भी सरसों के बेहतर दाम मिल रहे हैं. नई सरसों की आवक में कुछ दिनों में तेजी आएगी. अलवर के आसपास धौलपुर, भरतपुर, करौली, दौसा, सीकर सहित राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों से भी सरसों बिकने के लिए अलवर मंडी में पहुंचती है.