बिहार में बड़े पैमाने पर खेती की जाती है, यहां की बड़ी आबादी खेती पर ही निर्भर है. बिहार के किसान काफी अधिक संख्या में धान, गेहूं, आलू, दलहन और तिलहन जैसी फसलों की खेती करते हैं. लेकिन अब बिहार के किसान बड़े स्तर पर मसालों की भी खेती कर सकते हैं. इसके लिए उद्यान विभाग की तरफ से किसानों को सब्सिडी दी जाएगी. सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसानों को आवेदन करना होगा.
दरअसल, भागलपुर जिले में किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ मसालों की भी खेती करते हैं. यहां के किसान खासकर धनिया की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. लेकिन, अब यहां के किसान सब्सिडी के तहत मसालों की खेती करेंगे. उद्यान विभाग की तरफ से मसालों की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी दी जाएगी क्योंकि सरकार चाहती है कि प्रदेश के किसान पारंपरिक फसलों के साथ-साथ मसालों की भी खेती करें. यही वजह है कि उद्यान विभाग ने मसाले की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी देने का फैसला किया है.
सब्सिडी के रूप में प्रति हेक्टेयर 15000 रुपये देगा
भागलपुर जिले के उद्यान पदाधिकारी अभय कुमार मंडल का कहना है कि जिले में अभी भी बहुत से किसान मसाले की खेती करने से कतराते हैं. किसानों को लगता है कि मसाले की खेती बहुत रिस्की है. इसमें बहुत अधिक लागत आती है. वहीं, कई बार मसालों की बुवाई करने के बाद खेत में अन्य पौधे नहीं उगते हैं. ऐसे में किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. यही वजह है कि उद्यान विभाग मसालों की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी दे रहा है. विभाग सब्सिडी के रूप में प्रति हेक्टेयर 15000 रुपये देगा.
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