scorecardresearch
 

कुट्टू की खेती बदल सकती है किसानों की किस्मत! बीज से लेकर पत्तियां सब आते हैं काम

कुट्टू के बीज से महंगा आटा बनता है. इसके तने का उपयोग सब्ज़ी बनाने, फूल और पत्तियों से दवाईयां बनाने में किया जाता है. इसके फूलों से बनने वाले शहद की क्वालिटी भी बहुत अच्छी मानी जाती है. इसके बीज का इस्तेमाल नूडल, सूप, चाय, ग्लूटिन फ्री-बीयर के उत्पादन में होता है.

Advertisement
X
Buckwheat farming
Buckwheat farming

पहाड़ी इलाके खेती-किसानी को लेकर काफी संवेदनशील होते हैं. हाल के कुछ वर्षों में यहां तेजी से पलायन हुआ है. बढ़ते पलायन को रोकने के लिए सरकार इन इलाकों में कुट्टू की खेती को बढ़ावा दे रही है. इस फसल में पोषक तत्वों की मात्रा धान, गेहूँ और अन्य मोटे अनाजों की तुलना में ज्यादा होती है. हालांकि, देश में कुट्टू की पैदावार ज्यादा नहीं है. ऐसे में इसके आटे की कीमत गेहूं के मुकाबले में कई गुना ज्यादा होती है. इससे पहाड़ी क्षेत्रों के किसान काफी ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.

Advertisement

कुट्टू के बीज से बनते हैं इतने प्रोडक्ट

कुट्टू के बीज से महंगा आटा बनता है. इसके तने का उपयोग सब्ज़ी बनाने, फूल और पत्तियों से दवाईयां बनाने में इस्तेमाल की जाती हैं. इसके फूलों से बनने वाले शहद की क्वालिटी भी बहुत अच्छी मानी जाती है. इसके बीज का इस्तेमाल नूडल, सूप, चाय, ग्लूटिन फ्री-बीयर के उत्पादन में होता है. हरी खाद के रूप में ये बहुत उपयोगी मानी जाती है.

कुट्टू की खेती के लिए ये जलवायु उपयुक्त

कुट्टू की खेती के लिए मिट्टी का pH मान 6.5 से 7.5 उपयुक्त माना जाता है. प्रति हेक्टेयर 75-80 किग्रा बीज की ज़रूरत पड़ेगी.  बुआई के वक़्त पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर रखी जाती है. बुआई के बाद यदि सिंचाई की सुविधा हो तो 5-6 बार हल्की सिंचाई करनी चाहिए. खरपतवार के नियंत्रण के लिहाज़ से संकरी पत्ती के लिए 3.3 लीटर पेन्डीमेथिलीन का 800-1000 लीटर पानी में घोल बनाकर बुआई के 30-35 दिनों बाद छिड़काव करना चाहिए. कुट्टू की फसल में कीटों और बीमारियों का कोई प्रकोप नहीं देखा गया है.

Advertisement

प्रति हेक्टेयर 11 से 13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन

बताते चलें कुट्टू की फसल 70-80 प्रतिशत पकने पर काट लिया जाता है. इसकी दूसरी वजह ये भी है कि कुट्टू की फसल में बीजों के झड़ने की समस्या ज़्यादा होती है. कटाई के बाद फसल का गट्ठर बनाकर, इसे सुखाने के बाद गहाई करनी चाहिए. कुट्टू की औसत पैदावार 11-13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. इसके हर एक हिस्से की बिक्री कर किसान बढ़िया कमाई कर सकता है.

 

Advertisement
Advertisement