भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की तकरीबन 55 से 60 प्रतिशत जनसंख्या कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है. इससे एक साफ मतलब ये भी निकलता है कि देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक खेती-किसानी पर ही निर्भर है. भारत सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समय-समय पर विभिन्न योजनाओं को लॉन्च करती रही है. जिसका हाल फिलहाल फायदा होते भी दिख रहा है. बड़ी संख्या में किसान अब मुनाफे वाली फसलों की खेती की तरफ रुख कर रहे हैं.
किसानों को 12 अंकों की ID होगी जारी
केंद्र सरकार एक नए और अलग तरीके के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. शुरुआती जानकारियों के हिसाब से सरकार किसानों को 12 अंकों की यूनिक आईडी जारी करेगी. इसके लिए किसानों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा, इस आईडी के माध्यम से किसानों के लिए केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाना और आसान हो जाएगा.
पायलट प्रोजेक्ट पर चल रहा काम
कृषि मंत्रालय के अनुसार भारत सरकार फिलहाल इसपर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर काम कर रही है. 5.5 करोड़ किसानों का डेटाबेस बनाया जा चुका है. देशभर के अन्य किसानों को भी इससे जोड़ने की प्रकिया पर काम जारी है. एक बार डेटाबेस का काम पूरा हो जाएगा, तो सरकार की तरफ किसानों को 12 अंको की यूनिक आईडी जारी कर दी जाएगी.
डेटाबेस तैयार करने का क्या है उद्देश्य
ये यूनिक आईडी उन्हीं किसानों को दी जाएगी, जिनका नाम डेटाबेस में शामिल होगा. अक्सर देखा जाता है कि कई योजनाओं का लाभ अपात्र लोग भी उठा लेते हैं. ऐसे में इससे घटनाओं पर लगाम तो लगेगी ही साथ ही किसान खेती में किस तकनीक, कौन से प्रकार के बीज का उपयोग कर रहा है, इसकी भी जानकारी सरकार के पास होगी. इन महत्वपूर्ण जानकारियों के माध्यम से किसान के मुनाफा बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से बेहतर और प्रभावी कदम उठाया जा सकेगा.
कोरोना की वजह से तमाम प्रोजेक्ट्स हो गए थे बंद
कोरोना की वजह से कृषि को लेकर केंद्र सरकार के कई प्रोजेक्ट्स पर ब्रेक लग गया था. लेकिन अब कम होते मामलों के बीच इन परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए डिजिटल कृषि मिशन फिर से रफ्तार पकड़ चुका है. अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रिमोट सेंसिस, जीआएस तकनीक, ड्रोन और रोबोट की खेती-किसानी में कितनी उपयोगिता हो सकती है, इसका भी परीक्षण किया जा रहा है.
फिलहाल केंद्र सरकार ने इस तरह के कई सारे अन्य पायलट प्रोजेक्ट्स के लिए भी CISCO, Ninjacart, Jio Platforms Limited, ITC Limited और NCDEX e-Markets Limited (NeML) जैसी कंपनियों के MOU भी साइन किये हैं.
इन पायलट परियोजनाओं के आधार पर किसान फसल, बीज तकनीक, बाजार से लेकर विभिन्न तरह की महत्वपूर्ण जानकारियों का उपयोग कर अपनी आय बढ़ा सकता है. इसके अलावा अपने आसपास के क्षेत्र के किसानों को भी जागरूक कर सकता है.