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दिसंबर में चने की खेती करने वाले किसान इन बातों का रखें ध्यान, बढ़िया होगी पैदावार

अगर आप चने की खेती करना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. बुवाई से पहले भूमि को अच्छी तरह से जोतना और पाटा लगाने से मिट्टी भुरभुरी और पौधों के लिए उपयुक्त हो जाती है.

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Gram Cultivation
Gram Cultivation

दिसंबर का महीना चने की खेती के लिए महत्वपूर्ण समय होता है. इस समय सही तकनीकों और सावधानियों का पालन करके किसानों को काफी मुनाफा हो सकता है. आइए जानते हैं कि दिसंबर में चने की खेती के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

1. समय पर करें बुवाई
चने की बुवाई का सही समय नवंबर के अंत से दिसंबर की शुरुआत तक होता है. बुवाई से पहले बीजों को कवकनाशी (जैसे वीटावैक्स 20 ग्राम/किलोग्राम या थीरम या कैप्टान 2-5 ग्राम/किग्रा) से बीज की दर से उपचारित करें. ऐसा करने से फसलों में रोग लगने का खतरा कम रहता है.

2. बीज का चयन
उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. बीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता होनी चाहिए. बीज को बोने से पहले उन्हें जीवाणु रोधक उपायों से उपचारित करना फायदेमंद होता है. चने की खेती में छोटे दाने वाली किस्मों के लिए 75-60 किग्रा/हेक्टेयर बीज की जरूरत होती है. वहीं, बड़े दाने वाली किस्मों के लिए 90-100 किग्रा/हेक्टेयर बीज का उपयोग करना चाहिए.

3. उन्नत देसी प्रजातियों का करें चयन
उन्नत देसी प्रजातियां जैसे-पूसा-372, जेजी 11, जेजी 12, जेजी 16, जेजी 63, जेजी 74, जेजी 130, जेजी 32, आरएसजी 888, आरएसजी 896, डीसीपी-92-3, हरियाणा चना-1, जीएनजी 663 और उन्नत काबुली प्रजातियां जैस-पूसा चमत्कार, जवाहर काबुली चना-1, विजय, फूले जी-95311, जेजीके 1, जेजीके 2, जेजीके 3 आदि उकठा रोग रोधी का चयन करें.

4. सही भूमि का इंतजाम
चने की खेती के लिए अच्छे जल निकासी वाले और मध्यम से भारी मिट्टी सबसे अनुकूल होती है. बुवाई से पहले भूमि को अच्छी तरह से जोतना और पाटा लगाने से मिट्टी भुरभुरी और पौधों के लिए उपयुक्त हो जाती है.

4. खाद और उर्वरक का संतुलन
सही मात्रा में जैविक खाद और उर्वरक का प्रयोग करें, इससे फसल की वृद्धि और अच्छी पैदावार होती है. नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का सही अनुपात भूमि की उर्वरता बढ़ाता है.

5. जल प्रबंधन
चने की फसल के लिए सिंचाई बहुत जरूरी नहीं होती, लेकिन अगर मिट्टी में नमी की कमी हो तो समय पर हल्की सिंचाई करें.

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