
Farmer Committed suicide: चक्रवर्ती तूफान "जवाद" के चलते ओडिशा और आंध्रा प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश देखने को मिली है. ज्यादा बारिश होने से किसानों की फसल को भी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में ओडिशा के गंजाम जिले में रहने वाले एक 57 वर्षीय किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. पात्रापुर के उलूमा गांव में रहने वाले कैलाश सबर ने धान की फसल (Paddy Crop) बर्बाद होने के बाद कीटनाशक दवाई खाकर खुद को मौत के घाट उतार दिया.
परिवार के मुताबिक, कैलाश सबर के ऊपर कर्जा था और फसल खराब होने से वह परेशान था. इस वजह से उसने कीटनाशक खा लिया. लेकिन इस मामले की जांच कर रही टीम का कहना है कि खेत में फसल पूरी तरह से बर्बाद नहीं हुई और न ही किसान के नाम पर कोई लोन पेंडिंग है. जांच गंजाम जिलापाल विजय कुलांगे की निगरानी में की जा रही है.
कैलाश सबर ने गांव के पी नागेश्वर नामक व्यक्ति की दो एकड़ जमीन पर धान की फसल उगाई थी. सबर की पत्नी पदमा ने बताया कि फसल पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी. लेकिन लगातार दो दिनों की बारिश के कारण कटाई नहीं हो पाई. पदमा ने कहा कि अस्पताल में डॉक्टर ने इलाज के दौरान बताया कि उनकी मौत जहरीली दवा खाने से हुई है.
आजतक से बातचीत में किसान के परिवार के एक सदस्य दीपक ने बताया कि लगातार भारी बारिश के बाद रविवार की सुबह बारिश थोड़ कम हुई. तभी सबर खेतों में फसल को देखना गया था. लेकिन जब वह वापस आया तो बहुत दुखी था.
दीपक ने कहा कि "सबर धान की फसल को देखकर खेत से आने के बाद परेशान था. उसने बताया कि फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है और वह अब कर्ज नहीं चुका पाएगा. दीपक ने बताया कि साबर कीटनाशक खाकर आया था और कुछ देर के बाद घर में उल्टी करने लगा. जिसके बाद तुरंत 108 एम्बुलेंस को कॉल कर पात्रापुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया. दीपक ने कहा कि करीब आधे घंटे तक इलाज चला और इस दौरान अस्पताल में सबर की मौत हो गई.
घटना गंजाम जिलापाल विजय कुलांगे के संज्ञान में आने के बाद जिलापाल ने जिला राजस्व निरीक्षक ( रेवेन्यू इंस्पेक्टर) की एक टीम गठन कर घटना कि जांच कि मांग की. इस टीम में खारियागुड़ा रेवेन्यू इंस्पेक्टर सुरंगी, समंतियापल्ली और रेवेन्यू सुपरवाईजर को शामिल किया गया है. रेवेन्यू इंस्पेक्टर की टीम ने ग्रामीणों के साथ मिलकर सबर के खेत पर जाकर फसल की जांच की. जिसके बाद गठित टीम ने किसान सबर के घर जाकर उनके परिजनों से बातचीत की.
रेवेन्यू इंस्पेक्टर ने घटना की जांच के बाद जिलापाल को रिपोर्ट सौंपी है. रेवेन्यू इंस्पेक्टर ने रिपोर्ट में कहा कि भारी बारिश की वजह से खेत में धान की फसल का एक छोटा सा हिस्सा बर्बाद हुआ है. साथ ही परिजनों से बातचीत और जांच के बाद पता चला कि सबर के नाम पर कोई लोन बकाया नहीं था. वहीं, पात्रापुर के तहसीलदार अमित कुमार ने रेड क्रॉस के फंड से सबर के परिजनों को आर्थिक रूप से सहायता के लिए 10 हजार रुपये का चेक प्रदान किया है.
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