तीनों कृषि कानूनों के वापस लेने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में इसको लेकर जबरदस्त चर्चा है. कोई फैसले का स्वागत कर रहा है तो कोई अभी भी सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा कर रहा है. अब जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है.
कृषि कानून पर बात, महबूबा का 370 राग
महबूबा मुफ्ती ने सरकार के इस फैसले का स्वागत जरूर किया है लेकिन इसे एक चुनावी घोषणा भी कहा है. उनके मुताबिक क्योंकि चुनाव आ रहे हैं, ऐसे में बीजेपी ने ये फैसला कर लिया है. वे कहती हैं कि कृषि कानूनों का वापस होना स्वागत की बात है. लेकिन ये चुनावी मजबूरी ज्यादा लगता है.डर है कि कही चुनाव ना हार जाएं. वैसे हैरानी की बात है कि बीजेपी को जम्मू-कश्मीर में लोगों को परेशान करना होता है, ऐसा कर वो अपने वोटबैंक को खुश करने का काम करती है.
अब आगे अपने ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने इशारों में कह दिया कि 370 भी बहाल कर देना चाहिए. उनके मुताबिक जैसे कृषि कानून वापस हुए हैं, वैसे ही अब इस पर भी फैसला हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से उसकी पहचान और ताकत सिर्फ इसलिए छीन ली गई जिससे बीजेपी के वोटरों को खुश किया जा सके. मुझे उम्मीद है कि अब यहां भी गलती को सुधारा जाएगा और अगस्त 2019 में हुए फैसलों को बदला जाएगा.
Decision to repeal farm laws & an apology is a welcome step, even though it stems from electoral compulsions & fear of drubbing in elections. Ironical that while BJP needs to please people in rest of India for votes,punishing & humiliating Kashmiris satisfies their major votebank
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 19, 2021
Desecrating Indian constitution to dismember & disempower J&K was done only to please their voters. I hope they course correct here too & reverse the illegal changes made in J&K since August 2019.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 19, 2021
नजरबंद चल रहीं महबूबा मुफ्ती
इससे पहले भी कई मौकों पर महबूबा ने 370 की बहाली की अपील की है. उन्होंने लगातार इसे गैरकानूनी करार किया है और कश्मीर संग अन्याय बताया है. अभी के लिए पीडीपी प्रमुख होम अरेस्ट में चल रही हैं. उन पर घाटी में माहौर खराब करने का आरोप है. जब से जम्मू-कश्मीर में सेना ने आतंकियों का सफाया करना शुरू किया है, मुफ्ती ने केंद्र पर अपना हमला तेज किया है. एक बयान में तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि कह नहीं सकते कि इन एनकाउंटर में आतंकी मारे भी जा रहे हैं या नहीं.