कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तीनों कृषि कानून के वापस होने के बाद किसानों के नाम एक चिट्ठी लिखी है. उस चिट्ठी में उन्होंने किसानों की जमकर तारीफ की है. उनके संघर्ष को सलाम किया है और इसे सरकार की एक हार बताया है. चिट्ठी में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि ये लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई और संघर्ष को आगे भी जारी रखना है.
राहुल की किसानों को चिट्ठी
राहुल लिखते हैं कि आपके तप, संघर्ष और बलिदान के दम पर मिली ऐतिहासिक जीत की बहुत-बहुत बधाई. पौने बारह महीने से ठिठुरती ठंड, भीषण गर्मी, बरसात, तमाम परेशानियों व जुल्मों के बावजूद तीनों खेती विरोधी काले कानूनों को खत्म कराने का जो सत्याग्रह आपने जीता है, उसकी दूसरी मिसाल आजाद भारत के इतिहास में नहीं मिलती. मैं आपके इस संघर्ष में 700 से अधिक किसान-मज़दूर भाई-बहनों द्वारा दी गई कुर्बानी के लिए नतमस्तक हूं.
कांग्रेस ने आगे जोर देकर कहा है कि एक तानाशाह शासक के अहंकार से लड़ते हुए जिस गांधीवादी तरीके से आपने उन्हें फैसला वापस लेने को मजबूर किया, यह असत्य पर सत्य की विजय का एक बेजोड़ उदाहरण है. आज के इस ऐतिहासिक दिन हम उन शहीद किसान-मज़दूर भाई-बहनों को याद करते हैं, जिन्होंने अपनी जान का बलिदान देकर इस सत्याग्रह को मजबूत किया. काश, ये नौबत ही न आती, अगर केंद्र सरकार ने शुरू ही में किसानों की मांगों पर ध्यान दिया होता.
आगे की रणनीति और पीएम को नसीहत
इसके बाद राहुल गांधी ने अपनी चिट्ठी में भविष्य की नीति पर भी बात की है. उनके मुताबिक अभी और भी कई मुद्दों पर सरकार से लड़ना है. वे कहते हैं कि साथियों, संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है. कृषि उपज का लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिले, विवादास्पद बिजली संशोधन कानून खत्म हो, खेती की जोत में इस्तेमाल होने वाली हर चीज़ पर लगाए गए टैक्स का बोझ घटे, डीज़ल के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि कम हो तथा खेत-मज़दूर पर कमरतोड़ कर्ज के बोझ का हल निकालना खेतिहर किसान के संघर्ष के गंभीर विषय हैं. मैं आप सबको भरोसा दिलाता हूँ कि मौजूदा आंदोलन की ही भांति भविष्य में भी आपके सभी जायज संघर्षों में मैं और कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता आपके कंधे से कंधा मिलाकर आपकी आवाज को बुलंद करेंगे.
राहुल गांधी ने अपनी चिट्ठी के जरिए पीएम मोदी को भी नसीहत दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने वादे के मुताबिक साल 2022 तक किसान की दोगुनी आय सुनिश्चित करनी चाहिए. इसके लिए उन्हें जल्दी से जल्दी भविष्य की योजनाओं का रोडमैप भी जारी करना चाहिए. प्रधानमंत्री जी, मत भूलें कि सत्ता सेवा का माध्यम है, लूट-खसोट, जि़द और अहंकार का किसी प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली में कोई स्थान नहीं है.