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Rising Diesel Prices: महंगे डीजल से टूटी किसानों की कमर, धान की खेती में लागत निकलना भी मुश्किल

Farmers facing problems due to rising diesel prices: ग्रामीण खेतों की सिंचाई के लिए डीजल पम्प के माध्यम से धान की रोपाई-जुताई कर रहे हैं. यहां खेत में पानी लगाने के लिए एक दिन में 12 लीटर डीजल लग जाता है.

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Farmers worried due to rising diesel prices
Farmers worried due to rising diesel prices

Farmers facing problems due to rising diesel prices: देश भर में बढ़ रहे तेल के दामों से आम आदमी और किसान काफी परेशान हैं. देश के कई राज्यों में डीजल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर को भी पार कर गई है, जिससे हाहाकार मचा हुआ है. इसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा कीमत को करने को लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाए जा रहे. यूपी के बाराबंकी में डीजल के दाम 90 रुपये लीटर के पार जा पहुंचा है, जिससे खेती करने वाले किसानों को आर्थिक तौर पर काफी नुक्सान उठाना पड़ रहा है. इसका सीधा असर धान की खेती पर देखने को मिल रहा है. 

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बाराबंकी के गनौरा गांव में सिंचाई के लिए कोई नहर नहीं है, इसलिए यहां के ग्रामीण खेतों की सिंचाई के लिए डीजल पम्प के माध्यम से धान की रोपाई-जुताई कर रहे हैं. यहां खेत में पानी लगाने के लिए एक दिन में 12 लीटर डीजल लग जाता है. ऊपर तेज धूप और गर्मी किसानों की कमर तोड़ने पर उतारु है. ऐसे में धान की खेती से लागत भी नहीं निकल रही है और जब मंडियों में बिकने के लिए धान जाता है तो सरकार द्वारा तय मूल्य भी नहीं मिलता है. 

किसान विक्रांत सैनी

बाराबंकी के गनौरा गांव के किसान विक्रांत सैनी बताते हैं कि, 90 रुपये लीटर डीजल हो गया है. कैसे सिंचाई करें. धान की फसल तो बर्बाद हो रही है. सरकार को चाहिए कि डीजल के दाम कम करे. वहीं, खेतों में जुताई कर रहे किसान पवन यादव के कहा कि किसानों को सरकार ने डीजल में सब्सिडी देने को कहा था. लेकिन नहीं दिया आज 90 रुपये लीटर डीजल है. 12 घंटे पम्प से सिंचाई करके क्या बचेगा. हम सब बहुत परेशान हैं. 

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किसान पवन यादव

धान के खेतों में डीजल पम्प चलाकर सिंचाई कर रहे किसान फूल चंद्र यादव डीजल की कीमत से परेशान हैं. उन्होंने कहा कि इस बार सरकार ने डीजल भी 90 रुपये प्रति लीटर कर दिया है. धान बेचने जाओ तो सरकारी मूल्य में बिचौलिया कमीशन लेने लगते हैं. कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हम सब किसान परेशान हैं.

खेत में काम करते किसान

पिछली 1 जुलाई 2020 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डीजल का रेट 63.93 रुपए लीटर था जो 9 जुलाई 2021 को बढ़कर 90.08 रुपये हो गया. यानी करीब 26.15 रुपए लीटर महंगा हो गया है. साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही केंद्र सरकार ने 9 जून को खरीफ की फसलों को लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किया, जिसमें सामान्य धान का भाव 1900 रुपए कुंटल किया गया है. ये पिछले वर्ष 2020-21 के 1868 रुपए प्रति कुंटल के मुकाबले ज्यादा है. इसके बावजूद मंडियों के मनमाने रेट, महंगे डीजल और मॉनसून में देरी की वजह से किसान चौतरफा परेशानी से घिरे हुए हैं.

 

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