Subsidy on Irrigation Equipment: खरीफ की फसलों के बुवाई का वक्त आ चुका है. उत्तर भारत के कई राज्यों में इसकी बुवाई के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इन महीनों की फसलों पानी का काफी डिमांड करती हैं. ऐसे में किसानों के लिए सिंचाई प्रकिया आसान करने के लिए पीएम कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर कृषि सिंचाई यंत्र मुहैया कराए जाते हैं.
अलग-अलग राज्य सरकारें अपने स्तर पर इस योजना के माध्यम से किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान करती हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में लघू किसानों को 90 और सीमांत किसानों को 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी पर ड्रिप और स्प्रिंकल सिंचाई यंत्र प्रदान किए जाते हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में 75 प्रतिशत की सब्सिडी पर ये यंत्र दिए जाते हैं.
क्या है ड्रिप सिंचाई?
ड्रिप सिंचाई जिसे टपक सिंचाई भी कहते हैं. इस विधि में बूंद-बूंद के रूप में फसलों के जड़ क्षेत्र तक एक छोटी व्यास की प्लास्टिक पाइप से पानी प्रदान किया जाता है. ड्रिप सिंचाई विधि से फसलों की उत्पादकता में 20 से 30 प्रतिशत तक अधिक लाभ मिलता है साथ ही 60 से 70 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है.
स्प्रिंकल विधि से कैसे होती है सिंचाई?
स्प्रिंकल विधि से सिंचाई नल द्वारा खेतों में पानी भेजा जाता है. वहां राइजर पाइप द्वारा खेतों में छिडक़ाव विधि से सिंचाई किया जाता है. पानी की बचत और उत्पादकता के हिसाब से स्प्रिंकल विधि ज्यादा उपयोगी मानी जाती है.
इन किसानों को मिलेगा योजना का लाभ
यहां करें आवेदन
इच्छुक किसान केंद्र सरकार की पीएम कृषि सिंचाई योजना की वेबसाइट पर जाकर इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा अपने राज्य के सिंचाई विभाग की वेबसाइट पर भी जाकर इस योजना के लिए आवेदन किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश के किसान किसान पारदर्शी येजना के पोर्टल www.upagriculture.com पर अपना पंजीकरण कराकर प्रथम आवक प्रथम पावक के सिंद्धात पर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. पंजीकरण हेतु किसान के पहचान हेतु आधार कार्ड, भूमि की पहचान हेतु खतौनी एवं अनुदान की धनराशि के अन्तरण हेतु बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की छाया प्रति अनिवार्य है.
सरकार द्वारा लाभार्थी के तौर पर आपके नाम के चयन के बाद किसान किसी भी पंजीकृत निर्माता फर्म अथवा उनके अधिकृत डीलर्स/डिस्ट्रीब्यूटर्स से निर्माता फर्मों की स्वयं मूल्य प्रणाली के अनुसार कार्य कराने हेतु स्वतंत्र होगा. इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए उत्तर प्रदेश के किसान भाई उद्यान और खाद्य विभाग के वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं.