Mango Production Affected: लखनऊ के मलिहाबाद के आमों का विदेश में बड़े पैमाने पर निर्यात किया जाता है. देश के दूसरे राज्यों में भी यहा के आमों की मांग अन्य क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा रहती है. हलांकि इस बार आम की फसल को भी बेहद नुकसान हुआ है. मैंगो मैन के नाम से मशहूर कलीम उल्लाह के मुताबिक पिछले 80 सालों में इतनी कम पैदावार नहीं देखी.
आंधी पानी आम की फसल को पहुंचाया नुकसान
इस बार आंधी और पानी ने आम की फसल को पूरी तरीके से बर्बाद कर दिया. पहले ही आम की फसल में फूल ज्यादा आने की वजह से आम के बौर कम आए थे और बारिश और आंधी की वजह से बाकी बचे आम भी गिर गए. इसके अलावा गर्मी ज्यादा होने की वजह से आम समय से पहले ही पक गए, जिससे काफी आम खराब भी हो गए.
दवाओं का भी नहीं हुआ असर
मैंगो मैन कहे जाने वाले कलीमुल्लाह कहते हैं इस बार आम के बौर बेहद कम निकले थे. इस बार पेड़ पर दवाओं का भी उतना असर नहीं हुआ. बची खुची कसर मौसम ने निकाल दी. पहले के वर्षों में जिस कीमत पर आम बिकता था, अब वह मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है. आम की पैदावार 80 सालों में सबसे ज्यादा कम हो गई है, इससे इसका निर्यात भी इस साल बंद हो गया है.
सस्ते दामों पर बेचना पड़ रहा है उत्पादन
ऑल इंडिया मैंगो एसोसिएशन के अध्यक्ष इंसाराम अली के मुताबिक इस बार पैदावार भी कम हुई है. गर्मी में आम पहले ही पक कर खराब हो गए. ऐसे में अब हमें सस्ते दामों पर इसे मार्केट में बेचना पड़ रहा है. इससे आर्थिक तौर पर हम किसानों को बेहद नुकसान हो रहा है.
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