
Gorakhpur Factory To Suppy Fertilizer in Five States: गोरखपुर (Gorakhpur) में जल्द खाद कारखाना (Gorakhpur Fertilizer Unit) शुरू होने वाला है. कारखाने का 95% काम पूरा हो चुका है. ये साल 1990 में बंद हो गया था. सब कुछ सही रहा तो दिसंबर तक इसकी टेस्टिंग पूरी हो जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 22 जुलाई 2016 को इस कारखाने का शिलान्यास किया था, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है.
पहले चरण में ये कारखाना पांच राज्यों को खाद की सप्लाई करेगा. जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल है. इन सभी 5 राज्यों में डीलर और रिटेलर नियुक्त किए जा चुके हैं. वहीं, दूसरे चरण में उन राज्यों को यहां से खाद की सप्लाई होगी, जो 1400 किलो मीटर के दायरे में आते हैं. इन राज्यों को खाद ट्रेन से भेजी जाएगी.
कारखाना देरी से क्यों शुरू हो रहा ?
खाद कारखाने के वॉइस प्रेजिडेंट टेक्निकल संजय गुप्ता और मुख्य प्रबंधक मार्केटिंग डॉक्टर रूपेश कुमार सिंह ने बताया कि दिसंबर मध्य तक टेस्टिंग पूरी हो जाएगी. यहां 3850 मीट्रिक टन नीम कोटेड PRILL यूरिया हर दिन तैयार होगी, इसके अलावा अमोनिया की कैपेसिटी 2,200 मीट्रिक टन प्रतिदिन होगी. संजय गुप्ता ने बताया कि ये कारखाना पहले शुरू हो जाता लेकिन कोरोना के कारण देरी हुई, कई मजदूर कोविड से ग्रस्त हो गए. लगभग 7 हजार मजदूर जो काम कर रहे थे, वे कम होते गए, इस कारण काम भी प्रभावित हुआ. जब काम दोबारा शुरू हुआ तो बारिश ने असर डाला.
गोरखपुर के खाद कारखाने का इतिहास काफी पुराना
गोरखपुर में इस कारखाने का इतिहास काफी पुराना है यह इकलौता ऐसा कारखाना है, जहां कई हजार लोगों का परिवार यहां नौकरियां करता था पर एक हादसे ने इस फैक्ट्री का सब कुछ खत्म कर दिया, कई परिवार बेरोजगार हो गए. दरसअल, एक मजदूर की मौत होना इस फैक्ट्री के लिए काल बन गया. जिसके बाद 1990 में ये फैक्ट्री बंद कर दी गई.