गन्ना किसानों को केंद्र ने आज 28 जून यानी बुधवार को बड़ी राहत दी है. केंद्र सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य(FRP) बढ़ाने की घोषणा की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गन्ने पर एफआरपी 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दी गई है. कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) पहले ही सरकार को इसकी सिफारिश कर चुका था. अब कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार ने इसपर मंजूरी भी दे दी है.
पिछले 9 सालों में गन्ने के रेट में 105 रुपये की बढ़ोतरी
सरकार द्वारा बढ़ाई गई MSP नए गन्ना सत्र से लागू होगी. इस सत्र की शुरुआत एक अक्टूबर 2023 से होगी, जो 30 सितंबर 2024 तक होगा. साल 2021 में गन्ने की MSP में 5 रुपये की वृद्धि कर 290 रुपये कर दिया गया था. 2022 में इसमें 15 रुपये का इजाफा करके 305 रुपये किया गया था. अब 10 रुपये की बढ़ोतरी से नए सत्र में गन्ने की FRP 315 रुपये हो जाएगी. बता दें कि साल 2013 और 2014 के सीजन में गन्ने की 2013-14 की तो गन्ने का एफआरपी सिर्फ 210 रुपये प्रति क्विंटल था. 9 सालों में गन्ने की FRP में कुल 105 रुपये की प्रति क्विंटल रुपये की बढ़ोतरी हुई. इसके अलावा 2013-14 में गन्ने की खरीदारी तकरीबन 57 हजार 104 करोड़ रुपये की हुई थी. वहीं, 2022-23 में कुल 1 लाख 13 हजार करोड़ रुपये की खरीदारी हुई.
आज कैबिनेट की बैठक में गन्ने के दाम में बढ़ोतरी करके 315 रुपए प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया गया है
-केंद्रीय मंत्री @ianuragthakur #CabinetDecisions pic.twitter.com/ilnh7KHzpR— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) June 28, 2023
कुछ राज्यों में सरकार द्वारा तय की गए गन्ने की एमएसपी से ज्यादा रेट क्यों?
एफआरपी वह न्यूनतम दाम होता है जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है. सरकार गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के तहत एफआरपी तय करती है. हालांकि, कुछ सूबों में गन्ने की खरीदारी सरकार द्वारा तय की गई कीमत से ज्यादा भी ज्यादा होगी. दरअसल, कुछ सूबों में स्टेट एडवायजरी प्राइस (एसएपी) लागू होता है. ये प्रदेश अपने स्तर पर गन्ने की कीमतें तय करते हैं. उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा उन्हीं राज्यों में शामिल हैं. पंजाब में इस वक्त गन्ने का दाम 380 रुपये प्रति क्विंटल है. हरियाणा में 372 और उत्तर प्रदेश में 350 रुपये क्विंटल का भाव है.
यूरिया स्कीम के लिए 3 लाख 68 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान
सरकार ने यूरिया स्कीम के लिए 3 लाख 68 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. साथ ही पीएम प्रणाम योजना की शुरुआत भी की जा रही है. इस योजना के तहत अगर कोई राज्य खेती-किसानी में केमिकल फर्टिलाइजर के कमी लाती है तो उसपर बचने वाली सब्सिडी को राज्य सरकार को दिया जाएगा. इसके अलावा सरकार मार्केट डेवलपमेंट असिस्टेंस यानी MDA के लिए 1451 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है. इसके तहत ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर को बढ़ावा दिया जाएगा. इन ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर को गोवर्धन स्कीम के तहत बनाया जाएगा. इसके तहत प्रति मीट्रिक टन जैविक खाद बेचने पर किसानों को 1500 रुपये की आर्थिक मदद भी की जाएगी.
इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने पर भी सरकार का जोर
भारत दुनिया में चीनी निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है. साथ ही उत्पादन के मामले में भारत सबसे बड़ा उत्पादक देश है. अब गन्ने पर एमएसपी की बढ़ोतरी से किसानों की आय में वृद्धि होगी. साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में भी गन्ना उत्पादन एक अहम भूमिका निभा रहा है. इसके अलावा सरकार इथेनॉल प्रोडक्शन पर काफी जोर दे रही है. सरकार के मुताबिक 2025-26 तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इथेनॉल उत्पादक देश बन जाएगा. 2025 तक, 60 एलएमटी से अधिक अतिरिक्त चीनी को इथेनॉल में बदलने का लक्ष्य है. इससे उर्जा के क्षेत्र में भारत को मजबूती मिलेगी साथ ही विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी.