Rain Effected Farmers Crop: राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक देश के कई राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि ने किसानों की टेंशन बढ़ा दी है. ओले और बारिश से खेतों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. पश्चिमी विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के असर से बीते सप्ताह से मौसम में बदलाव हो रहा है. जिससे एक तरफ जहां गर्मी से राहत मिली है तो वहीं किसानों पर मौसम की भारी मार पड़ी है.
मौसम का सबसे ज्यादा असर खेतों में किसानों की फसलों पर दिखाई दिया. ज्यादातर जगहों पर गेहूं की फसल गिर गई, जिससे उत्पादन प्रभावित होगा. वहीं, सरसों की फसल को नुकसान हुआ है. बारिश से सब्जी उत्पादक किसानों को भी नुकसान पहुंचा है. तेज हवा चलने से आम और लीची के बौर को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में इस साल आम और लीची के उत्पादन में भी कमी आने की आशंका जताई जा रही है.
बारिश के बाद फसलों में रोग एवं कीट लगने का डर भी बढ़ रहा है. किसानों का कहना है कि बारिश के बाद फसल में कई तरह के रोग लगने की आशंका होती है. ऐसे में ओले-बारिश से फसलों को नुकसान होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं.
भारी बारिश से खेतों में भरा पानी
वाराणसी में ओलावृष्टि और बारिश की वजह से फसलों को भारी नुकसान होने का अनुमान है. महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के खेतों में कटी गेहूं-चना व अन्य फसलों के भीगने और खेतों में पानी भरने से किसानों का नुकसान हुआ है. किसानों ने सरकार से फसल बीमा के तहत मुआवजे की मांग की है.
नुकसान से परेशान किसान ने दी जान
राजस्थान के बूंदी जिले में भारी बारिश और ओलावृष्टि से परेशान 60 साल के किसान ने बीते दिन यानी रविवार को जान दे दी. बारिश के कारण खेत में खड़ी गेहूं की फसल बर्बाद होने से बूंदी जिले के तलेरा इलाके के पृथ्वीराज नाम के किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है. बता दें कि राजस्थान के कोटा, बूंदी जिले में बीते 3-5 दिन लगातार हुई बारिश और ओले से फसलों को नुकसान हुआ है.
मराठवाड़ा में 62000 हेक्टयर से अधिक फसल बर्बाद
मराठवाड़ा के कई जिलों में बेसौसम बरसात से 62000 हेक्टयर से अधिक खेतों की फसलें क्षतिग्रस्त हो गई है. औरंगाबाद, हिंगोली, नांदेड़, बीड, लातूर में सबसे अधिक नुकसान देखने को मिला है. जबकि उस्मानाबाद में इस तरह के नुकसान की खबर नहीं है.