Agricultural Vehicle: देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के शहरों के लिए प्रदूषण सबसे गंभीर समस्या है. हाल के कुछ सालों में स्थिति बद से बदतर हो गई है. स्थिति को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली एनसीआर के शहरों में 10 साल पुराने डीजल और 15 सालों पुराने पेट्रोल के वाहनों पर रोक लगा दी थी. हालांकि, किसानों द्वारा इस फैसले का विरोध किया गया है. कृषि आंदोलन के दौरान भी ये मुद्दा चर्चा बना हुआ था.
किसान संगठनों ने तर्क दिया था कि NGT के इस फैसले से खेती-किसानी को बेहद नुकसान होगा. ज्यादातर किसान इस स्थिति में नहीं हैं कि खेती के लिए अपग्रेडेड वाहन ले सकें. काफी वक्त से किसान इस नियम में बदलाव की मांग कर रहे हैं.
बता दें अब कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल हरियाणा के 14 जिलों में डीजल से चलने वाले 10 साल पुराने कृषि वाहनों पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर पाएगी. हरियाणा विधानसभा में लाए गए इससे संबंधित विधेयक को राज्यपाल ने भी मंजूरी दे दी है. इन जिलों में गुड़गांव, फरीदाबाद, नूहं, पलवल, सोनीपत, करनाल, पानीपत, झज्जर,जींद, रोहतक, महेंद्रगढ़, भिवानी, चरखी दादरी, रेवाड़ी शामिल हैं.
NCR में शामिल 14 जिलों में अब डीजल के 10 साल पुराने कृषि वाहनों को जून 2025 तक छूट दी जाएगी। पहले NCR में 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल के वाहनों पर रोक लगाई गई थी। #DelhiNCR #agriculture #Haryana #SupremeCourt pic.twitter.com/DdrRd46rB3
— Dept. of Agriculture & Farmers Welfare, Haryana (@Agriculturehry) April 25, 2022
हरियाणा 63 प्रतिशत हिस्सा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आता है. यहां के ज्यादातर लोग खेती-किसानी पर निर्भर है. किसान काफी समय से डीजल से चलने वाले 10 साल पुराने वाहनों का ना उपयोग कर पाने वाले नियम में बदलाव की मांग कर रहे थे. अब खुद ही सरकार ने दी हरियाणा लॉ एक्ट-2019 में संशोधन कर किसानों को राहत दे दी है. बता दें कि एक आंकडें के मुताबिक हरियाणा में कुल 3 लाख ट्रैक्टर है. तकरीबन, 168,020 (56 प्रतिशत) एनसीआर मे हैं.