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Rain destroyed crops: बेमौसम बारिश से परेशान हुए किसान, दलहन-तिलहन और सब्जी के फसलों को भारी नुकसान

Crop destroyed due to rain: किसानों के सामने प्राकृतिक आपदाओं से अपने फसलों को बचाना सबसे बड़ी चुनौती है. हर साल किसी ना किसी वजह से किसानों को खेती में भारी नुकसान झेलना पड़ता है. इस बार भी बारिश ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर उनके सामने कई गंभीर समस्याएं खड़ी कर दी हैं.

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Rain destroyed crops
Rain destroyed crops
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बरसात से दलहन-तिलहन और सब्जी के फसलों को नुकसान
  • किसानों के सामने खड़ा हुआ जीवनयापन का संकट

Rain destroyed crops: ठंड के मौसम में हल्की-फुल्की बारिश फसलों के लिए वरदान मानी जाती है. लेकिन इस बीच कई राज्यों में भारी बरसात से दलहन-तिलहन और सब्जी के फसलों को नुकसान पहुंचने की खबर है. मुजफ्फरपुर में 2021 में आए भीषण बाढ़ से किसान अभी उबर भी नहीं पाए थे. अब बारिश ने आलू-मटर की फसलों को तहस नहस कर दिया है.

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किसानों के सामने प्राकृतिक आपदाओं से अपने फसलों को बचाना सबसे बड़ी चुनौती है. हर साल किसी ना किसी वजह से किसानों को खेती में भारी नुकसान झेलना पड़ता है. इस बार भी बारिश ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर उनके सामने कई गंभीर समस्याएं खड़ी कर दी है.

किसानों के सामने खड़ा हुआ जीवनयापन का संकट

मुजफ्फरपुर के मनिका गांव के श्यामली सिंह बताते हैं कि 5 बीघे में मटर तो पांच बीघे में तोरई की खेती की थी. इस बारिश ने सब बर्बाद कर दिया. अब हमारे सामने जीवनयापन का संकट खड़ा हो गया है. इसी गांव के एक अन्य किसान सुनील कुमार कहते हैं कि 10 एकड़ में तोरई की खेती की शुरुआत की थी. अब बारिश की वजह से तोरई का अगर विकास सही तरीके से नहीं हुआ तो बाजार में सही रेट भी नहीं मिलेगा.

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बता दें इस क्षेत्र के तकरीबन हर किसान का यही हाल है. भयंकर बारिश से बर्बाद हुई फसलों को लेकर वे बेहद निराश हैं. किसानों का कहना है कि सरकार बर्बाद हुई फसलों पर हमें मुआवजा दे. अगर ऐसा नहीं होता है तो हमारे सामने आने वाले वक्त में जीवनयापन का भारी संकट खड़ा हो जाएगा.

मनिका गांव के महेश सहनी दो ढाई बीघे की खेती करते हैं. इसी खेती से उनका परिवार चलता है. अब फसल बर्बाद होने के बाद वह इसी उधेड़बुन में लगे हैं कि अब परिवार का खर्च कैसे चला पाएंगे.

अगले तीन दिन भी बारिश का अलर्ट

मौैसम विभाग के पूर्वानूमान के मुताबिक आने वाले तीन दिनों में उत्तर भारत के कई इलाकों में भारी बारिश की संभावनाएं हैं. ऐसे में किसानों के चेहरे पर अपनी फसलों को बचाने के लिए चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं.

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