Sugercane Production: महाराष्ट्र गन्ना किसानों के लिए अब तक ये साल खुशखबरी वाला रहा है. इस बार राज्य में रिकॉर्ड गन्ना उत्पादन दर्ज किया गया है. बता दें कि हर साल चीनी उत्पादन का कार्यकाल अक्टूबर से अप्रैल महीने तक होता है, लेकिन इस बार गन्ने की फसल अच्छी होने की वजह से ये कार्यकाल 15 जून यानी 45 दिन आगे बढ़ा दिया गया था.
चीनी आयुक्तालय के आयुक्त शेखर गायकवाड़ के मुताबिक पहली बार राज्य में 138 टन शक्कर का उत्पादन हुआ है. साथ ही इस बार 134 करोड़ लीटर इथेनॉल भी तैयार हुआ है. चीन, रशिया, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसे गन्ना उत्पादक देशों को महाराष्ट्र ने पीछे कर कर दिया है. ब्राजील के बाद महाराष्ट्र दूसरा सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक प्रदेश बन गया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत गन्ना और शकर उत्पादक देशों में पहले स्थान पहुंच गया है. इसमें महाराष्ट्र का उत्पादन सबसे ज्यादा रहा है.
एफआरपी( गन्ना रेट) मामले में इस बार 37 हजार 712 करोड़ रुपये इतनी एफआरपी किसानों के खातों में जमा हुई है. इथेनॉल के कारण 45 हजार करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा की बचत हुई है, देश में गन्ना महाराष्ट्र का 30 प्रतिशत योगदान है.
मजदूरों के कल्याण के लिए इसी वर्ष स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे के नाम से गन्ना तोड़ कामगार महामंडल निर्माण हुआ है. इससे प्रत्येक कामगार के वेलफेयर में शक्कर कारखाने 10 रुपये प्रति टन के हिसाब रकम जमा करेंगे. गन्ना तोड़ने वाले मजदूरों के संदर्भ जो 80 शिकायतें आई थी वह कारखानों को भेजी गई हैं, जिसकी जांच जल्द होगी.