झारखंड के देवघर के मोहनपुर प्रखंड में रहने वाले किसान रामू यादव सोया मिल्क के व्यवसाय से बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. किसान रामू यादव को इस व्यवसाय में बढ़िया करता देख क्षेत्र के अन्य किसान भी इस ओर दिलचस्पी दिखा रहे हैं. रामू पहले ड्राइवरी का काम करते थे. इस दौरान उनका वाराणसी जाना हुआ. उन्होंने देखा कि एक मशीन के एक हिस्से में लोग सोयाबीन डाल रहे हैं तो दूसरी तरफ उससे दूध निकल रहा है. यह देख वह एक बार हैरान हो गए. फिर इस तकनीक के बारे में जानकारी ली और मशीन खरीद कर घर ले आएं.
सोया मिल्क से पनीर और दही बनाने का भी करते हैं काम
किसान रामू यादव अब सोयाबीन के माध्यम से दूध निकालकर पनीर बनाने का काम करते हैं. इसके अलावा इससे वह सोया मिल्क से दही बनाने का काम भी करते हैं. शुरुआत में उन्हें इस व्यवसाय की सफलता पर संशय था. मशीन खरीदते वक्त उनके मन में पूरी लागत बर्बाद हो जाने का डर था. फिर भी उन्होंने जोखिम उठाया. अब वह सोया मिल्क बनाकर हर महीने बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं.
मरीजों के लिए फायदेमंद सोया मिल्क
सोया दूध और सोया पनीर की बाजार में खूब मांग है. हालांकि, सोया दूध की पौष्टिकता और स्वाद गाय-भैंस के दूध जैसा नहीं होता, मगर सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. मरीजों के लिए यह दूध बहुत ही मुफीद बताया जाता है. सोयाबीन के पनीर को टोफू कहा जाता है.
कम लागत में शुरू किया जा सकता है सोया मिल्क का व्यवसाय
सोया मिल्क प्लांट शुरू करने के लिए थोड़ी बहुत जगह और एक मशीन की जरूरत होती है. इस मशीन को कोई भी व्यक्ति थोड़ी सी ट्रेनिंग लेने के बाद आसानी से ऑपरेट कर सकता है. सोया मिल्क प्लांट के लिए सरकार द्वारा भी किसानों को आर्थिक मदद दी जाती है. इच्छुक किसान सोया मशीन के व्यवसाय की शुरुआत के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत आवेदन कर सकते हैं.
(देवघर से शैलेंद्र मिश्रा की रिपोर्ट)