मध्य प्रदेश के किसानों की तकलीफें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. भारी बारिश से खेतों में खड़ी फसलें डूब रही हैं. इन सबके बीच प्रदेश में एक बार फिर 20 से 22 अगस्त तक भारी बारिश होने की संभावनाएं जताई गई है.
क्या कह रही है सरकार
प्रदेश में अब तक सामान्य से 21% अधिक बारिश हो चुकी है. वहीं वेस्ट एमपी में सामान्य से 35% अधिक बारिश हो चुकी है. भोपाल में तो सामान्य से 94% अधिक बारिश हो चुकी है. किसान बर्बाद होने की कगार पर हैं. वे अब सरकार से नुकसान के मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इस मामले में कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि यह किसानों की सरकार है. हम सैटेलाइट के माध्यम से सर्वे करवाएंगे जिन खेतों में पानी भरा हुआ है तत्काल ही उन खेतों का सर्वे कराने के बाद किसानों को मुआवजे की राशि दे दी जाएगी.
वह आगे कहते हैं कि हम लोग 24 घंटों किसानों और प्रदेश की जनता की चिंता करते हैं. किसानों का जो भी नुक़सान हुआ है नियम के तहत और फ़सल बीमा के माध्यम से किसानों को लाभ दिलाएंगे. हमने किसानों को पटवारियों के भरोसे नहीं छोड़ा है.
विपक्ष हमलावर
इन सबके बीच विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर होते नजर आ रही है. मध्य प्रदेश का आगामी विधानसभा सत्र हंगामेदार होने की पूरी पूरी संभावना है. नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि विपक्ष सरकार को इस मुद्दे पर असेंमबली में घेरने की पूरी कोशिश करेगी.
किसानों ने सामूहिक आत्महत्या करने की कही बात
मध्य प्रदेश में भारी बारिश से नुकसान झेल रहे किसानों ने अपनी आवाज उठाना शरू कर दी है. कई जगहों पर किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं और मुआवजा नहीं मिलने पर चक्का जाम से लेकर सामूहिक आत्महत्या तक करने की बात कर रहे हैं.