महाराष्ट्र में इस साल बारिश की मार किसानों पर काफी ज्यादा पड़ी है. फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. सबसे खराब हालात मराठावाड़ा की रही है. यहां हजारों एकड़ फसलें बारिश और बाढ़ के चलते डूब गईं. अब किसान इन फसलों पर मुआवजे की मांग के लिए आंदोलन कर रहे हैं.
शोले स्टाइल में किया आंदोलन
औरंगाबाद के किसान 'शोले' स्टाइल में जय बनकर टंकी पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए. किसानों का कहना है फसल बर्बाद होने के बाद सरकार ने अब तक हमारी कोई मदद नहीं की. बर्बाद हुई फसलों का पंचनामा तक नहीं हो पाया है. सरकार को तुरंत हमारी मदद करनी चाहिए इसी मांग के साथ किसान पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन करने लगें.
किसानों ने दी चेतावनी
किसानों का कहना है कि कृषि मंत्री हमारे ही जिले के हैं फिर भी किसान परेशान हैं. अभी तक कोई भी सरकारी अधिकारी फसलों का जायजा लेने नहीं पहुंचा है. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार वक्त पर उनकी बात नहीं सुनेगी तो किसान आंदोलन करने के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे.
बारिश के चलते फसल हुई बर्बाद
बता दें कि इस बार किसानों को अनिश्चित मौसम की वजह से काफी नुकसान हुआ है. मराठावाड़ा के अलावा महाराष्ट्र के अन्य मंडलों में भी किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. तेलंगाना, ओडिशा में बारिश की मार किसानों पर पड़ी है. वहीं, असम में बाढ़ ने किसानों की हजारों एकड़ की फसलें बर्बाद कर दी हैं.
उत्तर भारत में सूखे की मार
उत्तर भारत के राज्यों में किसानों को सूखे की मार झेलनी पड़ी. उत्तर प्रदेश के 62 जिले सूखाग्रास्त के श्रेणी में पाए गए. वहीं बिहार और झारखंड में भी बारिश नहीं होने के चलते खरीफ की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. धान की फसल की बुवाई में देरी के चलते धान की उपज भी प्रभावित हुई है.
(रिपोर्ट- इसरार चिश्ती)