महाराष्ट्र के बुलढाना जिले के रहने वाले किसान काशीराम सानप ने अपने सवा एकड़ खेत में बोई गई गेहूं की फसल को आग के हवाले कर दिया. किसान के मुताबिक उसने ये कदम बिजली विभाग से परेशान होकर उठाया. किसान रमेश के खेत में लगे कनेक्शन में वोल्टेज शून्य था. इसकी शिकायत उसने बिजली विभाग से कई बार की. हालांकि, बिजली विभाग ने किसान की इस शिकायत पर कोई कदम नहीं उठाया.
राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर बताई अपनी पीड़ा
किसान ने अपनी तकलीफ जिले के तहसीलदार से की. राष्ट्रपति को भी इसको लेकर चिट्ठी लिखी, लेकिन प्रशासन द्वारा इसपर कोई कदम नहीं उठाया गया. वह इस दफ्तर से उस दफ्तर तक चक्कर लगाता रहा. सिंचाई न मिलने के चलते उसकी फसल सूखती रही. इस दौरान बारिश का मौसम शुरू होने वाला है किसान को नई फसल के लिए जमीन तैयार करनी है. इसलिए उसने अपनी फसल आग के हवाले कर दी.
किसान पर बिजली विभाग का कोई बकाया नहीं
जनवरी महीने से किसान के खेत में लगे बिजली कनेक्शन में वोल्टेज शून्य था. इस पर विभाग ने कार्रवाई नहीं की, लेकिन बिजली का बिल जरूर भेज दिया. किसान को 3 माह का बिजली का बिल 1590 रुपए आया. इसे भी रमेश ने जमा कर दिया. उसपर किसी भी तरह का बिजली का बिल नहीं बकाया है.
किसान ने इच्छामृत्यु की इजाजत मांगी
किसान रमेश सानप ने अफसोस जताते हुए कहा कि अगर तहसिलदार से लेकर राष्ट्रपति तक किसानों की नहीं सुनते तो मर जाना ही बेहतर है. उन्होंने सरकार से इसके लिए लिखित रूप में इच्छामृत्यु की इजाजत मांगी है. इसकी एक कॉपी राष्ट्रपति को भी भेजी है.
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