scorecardresearch
 

Government Scheme: प्याज के गिरते रेट के बीच राहत भरी खबर, किसानों को प्रति क्विंटल 300 रुपये की मदद

Maharashtra Government Scheme: महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्याज उत्पादन करने वाला राज्य हैं. हालांकि, इस बार दूसरे राज्यों में भी प्याज की अच्छी फसल हुई है. जिसकी वजह से आपूर्ति की तुलना में मांग कम हुआ और प्याज के रेट में भारी गिरावट दर्ज की गई है.

Advertisement
X
Onion farming
Onion farming

देशभर में प्याज की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है. हालात ये हैं कि किसानों से 5 रुपये किलो में भी व्यापारी प्याज खरीदने को तैयार नहीं हैं. बीच-बीच में किसानों द्वारा विरोध स्वरूप अपनी उपज फेंकने की तस्वीरें भी सामने आई हैं. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार प्याज की खेती करने वाले किसानों के लिए राहत भरी खबर लेकर आई है. शिंदे सरकार ने राज्य में संकटग्रस्त प्याज किसानों को राहत देने के लिए प्रति क्विंटल पर 300 रुपये की राशि देने का फैसला किया है. 

Advertisement

किसानों के लिए बनाई गई थी समिति

महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्याज उत्पादन करने वाला राज्य हैं. हालांकि, इस बार दूसरे राज्यों में भी प्याज की अच्छी फसल हुई है. जिसकी वजह से आपूर्ति की तुलना में मांग कम हुआ और प्याज के रेट में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इसके अलावा इस साल प्याज के निर्यात में भी कमी आई है. फिलहाल महाराष्ट्र में प्याज 2 से 3 रुपये किलो में बिक रही है. उत्पादक किसानों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक समिति नियुक्त की गई थी. इस समति ने सरकार से किसानों को प्रति क्विंटल 200 से 300 रुपये किलो देने की सिरफारिश की थी. 

प्याज के दाम 4 सालों के निचले स्तर पर

महाराष्ट्र में प्याज के दाम चार साल के निचले स्तर पर हैं. पिछले तीन साल से प्याज औसतन 2,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रही है. इस साल की शुरुआत में लासलगांव बाजार में 11 लाख 62 हजार क्विंटल लाल प्याज की आवक हुई थी. उस समय प्याज का औसत भाव 1392 रुपये प्रति क्विंटल था.

Advertisement

फरवरी महीने में 800 रुपये की गिरावट आई

फरवरी महीने में प्याज के रेट में तकरीबन 800 रुपये की गिरावट आई थी. मार्च भी हालात सुधरे नहीं हैं. विश्लेषकों का कहना है कि थोक बाजार में प्याज की भरपूर आवक के बावजूद मांग में कमी के कारण कीमतों में भारी गिरावट आई है. उनका मानना है कि निर्यात में आई भारी गिरावट भी इसके लिए जिम्मेदार है.

 

Advertisement
Advertisement