Monsoon in Gujarat: देश से मॉनसून (Monsoon) अब अलविदा कहना जा रहा है, लेकिन अब भी कई राज्य ऐसे हैं जहां इस वर्ष कम बारिश हुई है. इन्हीं राज्यों में से एक है गुजरात. अगर इस सप्ताह भी राज्य में बारिश नहीं होती है तो गुजरात सरकार को आधिकारीक तौर पर सूखा (Drought) घोषित करने की नौबत आ सकती हैं. दरअसल राज्य की 110 तहसीलों में 10 इंच से भी कम बारिश दर्ज की गई हैं.
गुजरात सरकार के स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के राहत कमिशनर और वेदर वॉच ग्रुप के अध्यक्ष के बीच हुई मीटिंग के दौरान कहा गया कि गुजरात में अब तक यानी 24 अगस्त तक 350.33 मिली मीटर बारिश हुई है जो पिछले 30 सालों के मुकाबले बहुत कम है, पिछले 30 सालों में गुजरात में औसतन 840 मिमी बारिश दर्ज की गई हैं.
किसानों के हालात हुए खराब
बारिश ना होने के कारण सबसे ज्यादा खराब हालात किसानों की है. पहले ही किसानों की फसल सूख रही थी. हालांकि, नर्मदा सरदार सरोवर बांध से किसानों के लिए पानी छोडा गया था. मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना के तहत सरकार गुजरात में अगर किसी तहसील में 10 इंच से कम बारिश होती है तो इस सूखे के तौर पर गिना जाएं. इस साल 23 अगस्त तक 80.06 लाख हेक्टर में किसानों के जरिए फसल बोई गई है.
अब बचा सिर्फ इतना पानी
इस साल सब से ज्यादा खराब हालत उत्तर गुजरात और कच्छ की है. उत्तर गुजरात के डेम में अभी सिर्फ 23.97 प्रतिशत पानी है, जब की कच्छ के बांध में 21 प्रतिशत पानी है. गुजरात के 207 बांध में से अब तक अगर भरे हुए बांढ की बात करें तो दक्षिण गुजरात के 13 में से सिर्फ एक जब की सौराष्ट्र के 141 में से सिर्फ दो डेम भरे हुए हैं. जब की गुजरात की लाइफलाइन कही जाने वाली नर्मदा नदी और उस पर बने सरदार सरोवर बांध में 45.51 प्रतिशत ही पानी है. सौराष्ट्र के 141 बांध में सिर्फ 40 प्रतिशत पानी बचा हैं.
गुजरात के बनासकांठा, साबरकांठा, कच्छे जैसे जिलों के हालात ऐसे है की यहां के कांग्रेस विधायक अब इस जिले को सूखग्रस्त जिला घोषित करने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस के बनासकांठा के थराद से विधायक गुलाबसिंह राजपुत ने जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है.