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किसान रहें अलर्ट, देशभर में सामान्य से 27% कम बारिश, अगस्त के अंत तक और संकट!

Monsoon update less rain than normal:  इस साल पूरे देश में अबतक अगस्त महीने में सामान्य से 27 फीसदी वर्षा कम हुई है और इस महीने के बाकी बचे दिनों में भी अच्छी बारिश का पूर्वानुमान नहीं है.

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इस साल सामान्य से कम हुई बारिश
इस साल सामान्य से कम हुई बारिश
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इस साल देश में 27% कम हुई बारिश

मॉनसून (Monsoon) के लिहाज से देशभर के लिए खबर अच्छी नहीं है. जो जुलाई और अगस्त के महीने बारिश के लिहाज से सबसे अच्छे माने जाते हैं उन्होंने देशभर के अलग-अलग इलाकों को इस साल धोखा दे दिया है. मॉनसूनी मौसम में अबतक सामान्य से 9 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि बरसात के महीने अब लगभग आखिरी दिनों में है. इस साल पूरे देश में अबतक अगस्त महीने में सामान्य से 27 फीसदी वर्षा कम हुई है और इस महीने के बाकी बचे दिनों में भी अच्छी बारिश (Rain) का पूर्वानुमान नहीं है. अगले पांच दिनों की बात करें तो पूरे उत्तर पश्चिम भारत, मध्य भारत के राज्यों और पश्चिमी भारत में मॉनसून न के बराबर सक्रिय रहेगा.

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पंजाब में अब तक 62 मिलीमीटर ही बारिश
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक, आर के जेनामणि ने आजतक को बताया कि कई राज्यों में तो हालत बेहद खराब हैं. आर के जेनामणि बताते हैं कि “कई राज्य तो ऐसे हैं जहां अगस्त के महीने में सामान्य से 50 प्रतिशत बारिश भी रिकॉर्ड नहीं की गई. इनमें कृषि के हिसाब से सबसे अहम राज्यों में एक पंजाब भी शामिल है जहां 130 मिलीमीटर सामान्य बारिश की जगह अब तक इस महीने में सिर्फ 62 मिलीमीटर ही बारिश हुई है. ऐसा ही हाल बाकी और भी कई राज्यों का है.“ अगर सिर्फ अगस्त के महीने की बात की जाए तो जम्मू और कश्मीर में सामान्य से 60% कम बरसात हुई है, ऐसी ही हालत हिमाचल प्रदेश की भी है.

गुजरात में सबसे ज्यादा खराब हुई हालत
गुजरात की हालत सबसे ज्यादा खराब है, इस राज्य में अगस्त के महीने में सामान्य से 71 फीसदी कम बारिश देखने को मिली है. इस राज्य के सौराष्ट्र इलाके में तो अगस्त के पहले 23 दिनों में सिर्फ 15 मिलीमीटर बारिश हुई है जो औसत से 85 फीसदी कम है. मौसम विभाग के जानकारों के मुताबिक, देशभर के 44 मीटेरोलॉजिकल डिवीज़न ऐसे हैं जहां इस महीने सामान्य से कम बरसात हुई. जिन इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है उनमें बिहार, पश्चिमी मध्यप्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और नॉर्थ ईस्ट भारत शामिल हैं.

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दरअसल जून के महीने में जब मॉनसून की शुरुआत हुई तो पहले 14 दिनों तक जबरदस्त बारिश देखने को मिली लेकिन उसके बाद मॉनसून कमजोर पड़ गया. 20 जून के बाद मॉनसून ने लगभग तीन हफ्ते का ब्रेक लिया और सारा गणित बिगाड़ दिया. जुलाई के दूसरे हफ्ते में मॉनसून की वापसी हुई बावजूद उसके पूरे देश में पिछले महीने सामान्य से 9 फीसदी कम बारिश हुई. जुलाई और अगस्त में मॉनसून का जो अप्रत्याशित अंदाज देखने को मिला है उससे किसानों और मौसम विशेषज्ञों में चिंता बढ़नी लाजिमी है. जुलाई और अगस्त महीनों की वजह से ही देश भर में अब तक पूरे मौसम की कुल सामान्य से 9 फीसदी कम बारिश रही है. भारतीय मौसम विभाग बाकी बचे मॉनसून को लेकर 1 सितंबर को अपना नया पूर्वानुमान जारी करेगा, लेकिन संकेत फिलहाल तो शुभ नहीं हैं.

 

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