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Hunarbaaz Awards: आत्मनिर्भर भारत का सपना जल्द होगा पूरा, 15 राज्यों के 75 दिव्यांगजनों को हुनरबाज पुरस्कार

Hunarbaaz Awards: ग्रामीण विकास मंत्रालय के अतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (NIRD & PR) हैदराबाद ने 15 राज्यों के 75 दिव्यांगजनों को हुनरबाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 

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75 Divyangjan Felicitated By Hunarbaaz Awards
75 Divyangjan Felicitated By Hunarbaaz Awards
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में लगभग 69 प्रतिशत दिव्यांग
  • दिव्यांग श्रमिकों की उत्पादकता दूसरों की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक

75 Divyangjan Felicitated By Hunarbaaz Awards: भारत में तकरीबन 55 से 60 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित है. यही वजह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था काफी हद तक ग्रामीण क्षेत्रों पर ही निर्भर है. इधर भारत सरकार भी ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है. इसी के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (NIRD & PR) हैदराबाद ने अंत्योदय दिवस के मौके पर 15 राज्यों के 75 दिव्यांगजनों को हुनरबाज पुरस्कार से सम्मानित किया. 

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जानिए किन्हें दिया जाता है ये पुरस्कार

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) और ग्रामीण विकास मंत्रालय की स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों  (आरएसईटीआई) के विभिन्न योजनाओं के माध्यम से दिव्यांगों को प्रशिक्षित किया जाता है. जिसके बाद उन्हें एक वर्ष तक विभिन्न संगठनों में कार्य करने का अवसर दिया जाता है. इस दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दिव्यांगों का पुरस्कार के लिए चयन किया जाता है.

एनआईआरडी एवं पीआर( National Institute of Rural Development & Panchayati Raj) के महानिदेशक डॉ जी नरेंद्र कुमार कहते हैं कि इस योजना से ग्रामीण भारत के दिव्यांगों में उपयुक्त कौशल, प्लेसमेंट और संरक्षण प्राप्त करने के दायरे और विकल्पों का और विस्तार होगा.

डॉ जी नरेंद्र कुमार आगे बताते हैं कि 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 69 प्रतिशत दिव्यांग भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं .कई अध्ययनों के अनुसार दिव्यांग श्रमिकों की उत्पादकता दूसरों की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है. साथ ही, दिव्यांग कर्मचारियों में नौकरी छोड़ने की दर दूसरों की तुलना में बहुत ही कम है. ऐसे में वे नियोक्ताओं के लिए पहली पसंद बनते जा रहे हैं.

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आत्मनिर्भर योजना को मिलेगी मजबूती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने का सपना देखा है. जिसका जिक्र वे अपने भाषणों में भी कर चुके हैं. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चल रही इस तरह की योजनाएं, प्रधानमंत्री के सपने को जल्द पूरा करने मेंं प्रभावी साबित हो सकती है. 

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