मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में बड़ी मात्रा में मूंग की फसल बर्बाद होने का मामला सामने आया है. अब किसानों की मुआवजे की मांग को कांग्रेस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तक पहुंचाने की कोशिश की है. रायसेन के सिलवानी में लगभग 1 हजार से ज्यादा किसानों द्वारा 15 हजार एकड़ में बोई गई मूंग की फसल बेमौसम बारिश होने, और मूंग के खेतों मे पानी भर जाने से सड़कर नष्ट हो गई है.
मांग उठी है कि यहां हुए नुकसान का जल्द से जल्द सर्वे करवाकर, किसानों को मुआवजा दिया जाए. किसानों की तरफ से कांग्रेस पार्टी ने यह मांग उठाई है. कहा गया है कि जल्द किसानों की फसलों का सर्वे और किसानों को राहत राशि नहीं दी गई तो कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन करने उतरेगी.
रायसेन जिले के सिलवानी में कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष संदीप शर्मा की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने एक मांग पत्र तहसीलदार शत्रुघ्न चौहान को सौंपा. इसमें प्रशासन से यह मांग की गई है कि वर्ष 2021-22 में लगभग 10 हजार से ज्यादा किसानों द्वारा 15 हजार एकड़ में बोई गई मूंग की खड़ी फसल बेमौसम बारिश होने से तथा खेतों में पानी भर जाने से खराब हो गई.
कांग्रेस पदाधिकारी बोले - बड़ी मात्रा में नष्ट हुई किसानों की फसल
संदीप शर्मा की तरफ से आगे कहा गया है कि 70 फीसदी किसानों की मूंग की फसल कटाई के लिए अभी खेतों में खड़ी हुई है, बेमौसम बारिश से मूंग की फसल में नये अंकुर भी निकल आये हैं, साथ ही बारिश का पानी काफी बड़ी मात्रा में मूंग के खेतों में भरा हुआ है. बारिश अधिक हो जाने के कारण किसानों को खेतों में मूंग की फसल की कटाई का काम रोकना पड़ रहा है.
मांग पत्र में आगे कहा गया है, 'कई जगहों पर खेतों में रखी हुई फसल पूरी तरह गीली हो गई है, जिन किसानों की फसलें कटकर तैयार हो चुकी थी, उन बारिश में गीली और खराब फसलों को सड़क पर बिछाकर सुखाने की कोशिश की जा रही है. अधिकांश मूंग की फसल के खेतों में पानी भर जाने से किसानों की बड़ी मात्रा में मूंग की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है.'
कांग्रेस पदाधिकारियों ने सरकार को दिए ज्ञापन में मांग की है कि किसानों की उपज के लिए सरकार द्वारा जो मूंग की रजिस्ट्रेशन 15 तारीख तय की है उसे और आगे बढ़ाया जाए, जिससे किसानों को मूंग का रजिस्ट्रेशन कराने में कोई परेशानी ना हो. तहसील के सैकड़ों ग्रामों में बेमौसम बारिश और तेज हवाओं के कारण किसानों के खेतो मे खड़ी मूंग की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. कहा गया है कि आर्थिक नुकसान वाली स्थिति देख हजारों किसान चिंतित और परेशान हो गए हैं.