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सड़क से लेकर संसद तक किसानों का मुद्दा इन दिनों सुर्खियों में है. दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में किसान कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच संसद में भी किसानों के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने है. संसद में मचे घमासान के बीच सरकार ने किसानों के आत्महत्या से जुड़े आंकड़े पेश किए हैं, जिससे पता चलता है कि साल 2017, 2018 और 2019 में किन राज्यों में कितने किसानों ने सुसाइड की. ये आंकड़े राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट पर आधारित हैं.
इस रिपोर्ट में किसानों की आत्महत्या के कारणों का उल्लेख नहीं किया गया है. हालांकि, सरकार का कहना है कि इन आत्महत्या के कारणों में पारिवारिक समस्याएं, बीमारी, नशाखोरी, विवाह संबंधी मुद्दे, प्रेम संबंध, दिवालियापन या कर्ज में डूबना, बेरोजगारी और संपत्ति विवाद हैं.
आंध्र प्रदेश में 2018 के मुकाबले 2019 में दोगुने हुए सुसाइड केस
आंध्र प्रदेश देश का ऐसा राज्य हैं जहां साल 2018 के मुकाबले 2019 में किसानों की आत्महत्या के मामले दोगुने हो गए हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार आंध्र प्रदेश में 2018 में 375 किसानों ने सुसाइड की थी जबकि 2019 में ये आंकड़ा बढ़कर 628 हो गया है.
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा आत्महत्या
एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा आत्महत्या के मामले महाराष्ट्र से हैं. यहां तक कि तीनों वर्षों में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा किसानों के आत्महत्या के मामले सामने आए. महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर कर्नाटक ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है. यही दो ऐसे राज्य हैं जहां तीनों वर्षों में 1000 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है.
आंकड़ों की बात करें तो महाराष्ट्र में 2017 में 2426, 2018 में 2239 और 2019 में 2680 किसानों ने आत्महत्या की. वहीं, कर्नाटक में 2017 में 1157, 2018 में 1365 और 2019 में 1331 किसानों की आत्महत्या के केस सामने आए.
सबसे ज्यादा किसानों की आत्महत्या के मामले में पंजाब का भी नाम
साल 2019 में महाराष्ट्र और कर्नाटक के बाद सबसे ज्यादा किसानों के आत्महत्या के मामले में तीसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश, चौथे पर तेलंगाना और 5वें नंबर पर पंजाब का नाम आता है. आंध्र प्रदेश में किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा 628, तेलंगाना में 491 और पंजाब में 239 है.
2017 और 2018 में एमपी भी टॉप 5 में रहा
साल 2017 में किसानों के आत्महत्या के ममाले में महाराष्ट्र और कर्नाटक के बाद तेलंगाना (846), मध्य प्रदेश (429) और आंध्र प्रदेश (375) का नाम शामिल है. वहीं, साल 2018 में इस मामले में तीसरे नंबर पर तेलंगाना (900), चौथे नंबर पर आंध्र प्रदेश (365) और पांचवें नंबर पर मध्य प्रदेश (303) रहा.