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PM Kisan Yojana: पीएम किसान सम्मान निधि में राजस्थान में फर्जीवाड़ा, 29 हजार फर्जी खातों में ट्रांसफ़र हुए 7 करोड़, मुकदमा दर्ज

सभी मामले एक जैसे हैं, जिसमें भौतिक सत्यापन के जरिए यह सामने आया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए जिन लोगों ने आवेदन किया, वे इन तहसीलों के रहने वाले नहीं हैं.

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PM Kisan
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राजस्थान में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में बड़ा घपला सामने आया है. एक ही जिले में 29 हज़ार फर्जी खातों में करीब 7 करोड़ का घोटाला सामने आया है. केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के लिए भेजी गई करोड़ों रुपए की राशि पश्चिम बंगाल और बिहार के खातों में ट्रांसफर हो गई. राजस्थान के पाली जिले की रानी, मारवाड़ जंक्शन और देसूरी तहसीलों में भौतिक सत्यापन के दौरान यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसे जानकर हर कोई हैरान है. जिसके बाद तीनों तहसीलों के तहसीलदार ने संबंधित थानों में रिपोर्ट दर्ज करवाई है.

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29 हज़ार फर्जी खातों में ट्रांसफर हुए 7 करोड़

जिला प्रशासन के निर्देश पर भौतिक सत्यापन में पाली के देसूरी में 20 हजार, रानी में 9,004 और मारवाड़ जंक्शन में 62 फर्जीखाते मिले हैं. जहां देसूरी में 1.51 करोड़ और रानी में 5.40 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए हैं. पाली जिला कलेक्टर एल.एल. मंत्री के अनुसार पाली में मारवाड़ जंक्शन, देसूरी और रानी तहसीलदार ने घटना को लेकर संबंधित थानों में मामले दर्ज करवाए हैं. वहीं पूरे मामले की जांच एडीएम सीलिंग अश्विन के. पवार को सौंपी गई है. फिलहाल वे इन मामलों की जांच कर रहे हैं और जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. दरअसल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार पात्र किसानों के खातों में हर साल 6 हजार रुपए जमा कराती है. यह राशि तीन किस्तों में किसानों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की जाती है.

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मर चुके लोगों के अकाउंट में भी ट्रांसफर हुए पैसे

बता दें कि सभी मामले एक जैसे हैं, जिसमें भौतिक सत्यापन के जरिए यह सामने आया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए जिन लोगों ने आवेदन किया, वे इन तहसीलों के रहने वाले नहीं हैं. यहां तक कि ये इनकम टैक्स देने वाले लोग हैं और कई ऐसे लोग हैं, जिनकी मौत हो चुकी है या फिर राजस्व रिकॉर्ड में उनके नाम ही नहीं हैं. इसके बाद पाली जिले की देसूरी, रानी और मारवाड़ जंक्शन तहसीलों में मार्च के महीने में तहसीलदारों की ओर से केस दर्ज कराए गए हैं. बड़ा सवाल है कि इन फर्जी खातों से ग़बन किए गए पैसों की रिकवरी कैसे हो पाएगी. विधानसभा में लगाए गए सवाल के जवाब के बाद ये मामला सामने आया है. ये सारी गड़बड़ियां पिछली गहलोत सरकार के दौरान हुई है.

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