दिल्ली की हवा में इन दिनों प्रदूषण का हाल बेहाल है. दिल्ली के अलावा उत्तर पश्चिम के कई राज्य वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं. इसका जिम्मेदार हरियाणा और पंजाब में जलाई जा रही पराली है. राजस्थान के भिवाड़ी में भी आज सुबह 459 AQI दर्ज किया गया और हरियाणा के भी कई जिले गंभीर श्रेणी में हैं. फ़रीदाबाद, जिंद, कैथल, सोनीपत सभी में AQI 400 के पार मापा गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है.
32 लाख रुपये से अधिक जुर्माना
हरियाणा, पंजाब, राजस्थान से हवा दिल्ली की तरफ आती है, जिससे दिल्ली का प्रदूषण खतरनाक स्तर में आ जाता है. यानी दिल्ली के प्रदूषण के लिए इन राज्यों में जलाई जा रही पराली को जिम्मेदार माना जाता है. इसी के चलते हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बुधवार को कहा कि हरियाणा सरकार ने पराली जलाने के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं. इसमें पराली जलाने वालों के खिलाफ 1,256 चालान जारी किए हैं, 32 लाख रुपये से अधिक जुर्माना लगाया है और 72 एफआईआर दर्ज की हैं.
1,256 चालान जारी
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट सचिव द्वारा बुलाई गई एक बैठक के दौरान, कौशल ने यह भी कहा कि राज्य में धान की 90 प्रतिशत कटाई पूरी हो चुकी है और राज्य सरकार पराली जलाने से निपटने के लिए अपने उपायों को सक्रिय रूप से बढ़ा रही है. कौशल ने कहा, "सरकार ने खेतों में पराली जलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, 32.55 लाख रुपये से अधिक के जुर्माने के साथ 1,256 चालान जारी किए हैं और 72 एफआईआर दर्ज की हैं और 44 खेतों की आग बुझाई गई."
बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध
कौशल ने यह भी बताया कि हरियाणा में अधिकारियों ने गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया है और उल्लंघनकर्ताओं को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत अभियोजन का सामना करना पड़ेगा. बता दें कि अधिकारियों ने मंगलवार को कहा था कि हरियाणा ने गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों में भारत स्टेज-III (पेट्रोल) और बीएस IV (डीजल) श्रेणी के चार पहिया हल्के मोटर वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है.
पिछले वर्ष की तुलना में आई कमी
कौशल का कहना है कि पिछले वर्ष की तुलना में 2023 में पराली जलाने की घटनाओं में 38 प्रतिशत की कमी आई है, पिछले दो वर्षों में 57 प्रतिशत की पर्याप्त कमी देखी गई है. कौशल ने कहा कि हरियाणा में 36.5 लाख एकड़ धान की खेती होती है, जिसमें 18.36 लाख एकड़ बासमती की खेती और लगभग 18.2 लाख एकड़ गैर-बासमती की खेती शामिल है.