Fraud In PM Fasal Bima Yojana: भारत की तकरीबन 55-60 प्रतिशत जनसंख्या कृषि के माध्यम से अपना जीवनयापन करती है. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक खेती-बाड़ी पर निर्भर है. केंद्र और राज्य सरकारें भी समय-समय पर कई सारी योजनाओं के तहत किसानों की आय बढ़ाने पर काम कर रही हैं.
लेकिन इन सबके बीच अयोग्य लोगों द्वारा काफी चालाकी से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा लिए जाने की खबरें भी आती रही हैं. अब ऐसा ही एक मामला असम के कछार जिले से सामने आया है, यहां तकरीबन 16,483 लोगों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का गलत तरीके से फायदा उठा लिया है.
PAC ने कार्रवाई का दिया आदेश
असम विधानसभा की लोक लेखा समिति (PAC) ने अब इस मामले पर फैसला करते हुए कछार जिला प्रशासन को उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने अवैध रूप से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का लाभ उठाया है. राज्य सरकार इन सभी पर कड़ी कार्रवाई करेगी. PAC के मुताबिक फर्जी लाभार्थियों पर कार्रवाई करने से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अन्य प्रक्रियाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग की परियोजनाओं को लेकर PAC ने जल्द ही जिलों का दौरा कर खाद्य पदार्थों के वितरण की समीक्षा करने का फैसला लिया है. इसके अलावा समिति के सदस्यों ने जिला प्रशासनों को वन संसाधनों के किसी भी अवैध व्यापार को रोकने के लिए वन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
कैसे करें प्रधानमंत्री फसल बीमा के लिए आवेदन
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिकारिक वेबसाइट (https://pmfby.gov.in/) पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके लिए रजिस्ट्रेशन के दौरान मांगी गई सारी जानकारियां भरनी होंगी. वहीं, ऑफलाइन आवेदन करने के लिए किसी भी नजदीकी बैंक से इस बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं.
कृषि मंत्रालय की अधिकारिक वेबसाइट के अनुसार खरीफ की फसल के लिए किसान को 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम देना पड़ता है. इसके अलावा बागवानी फसलों के लिए किसानों को 5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
बीमा राशि कैसे होगा क्लेम
अगर फसल किसी प्राकृतिक कारणों से बर्बाद हो जाती है, तो सबसे पहले 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को इसकी सूचना देनी होगी. जिसके बाद बीमा कंपनी किसी अधिकृत व्यक्ति को खेतों का मुआयना करने के लिए भेजेगी. वह व्यक्ति खेतों में खराब हो चुकी फसलों का आकलन कर बीमा कंपनी को रिपोर्ट सौंपेगा. इन सब प्रकियाओं के पूरा होने के बाद किसान को उनके मुआवजे मिलते हैं.