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न फूल बचे, न बीज... बारिश-ओलावृष्टि से किसानों के अरमानों पर फेरा पानी, तबाह हो गई फूलों की फसल

संगरूर में इस बार फूलों की फसल अच्छी आई थी. किसान भी खुश थे कि इस बार बंपर मुनाफा मिलेगा. उनकी ये खुशी ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाई. ओलावृष्टि ने फूलों की पूरी फसल को बर्बाद कर दिया.

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Flower cultivation
Flower cultivation

देश के अन्य राज्यों की तरह पंजाब के किसानों पर भी बारिश और ओलावृष्टि की मार पड़ी है. संगरूर शहर में ओलावृष्टि के चलते फूलों की फसल बर्बाद हो गई. किसान अब सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, ताकि फूलों की खेती कर वह नुकसान से बच सकें.

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फूलों की खेती से किसानों को हो रहा था अच्छा मुनाफा

संगरूर के गिदड़यानी इलाके के रहने वाले अमरीक सिंह ने अभी कुछ सालों से ही फूलों की खेती की शुरुआत की थी. उन्हें मुनाफा भी अच्छा होने लगा था. फूलों के बीज विदेशों में जाकर काफी महंगे बिकते हैं. विदेशी कंपनियां उनके जैसे कई किसानों से डायरेक्ट खेती करा रही थी. हालांकि, अब ओलावृष्टि से किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.

किसानों ने की मुआवजे की मांग

संगरूर में इस बार फूलों की फसल अच्छी आई थी. किसान भी खुश थे कि इस बार बंपर मुनाफा मिलेगा. उनकी ये खुशी ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाई. ओलावृष्टि ने उनकी फसल पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. अब किसान सरकार से जल्द से जल्द मुआवजा देने की बात कर रहे हैं.

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किसानों के सामने जीवनयापन का संकट

हरमनप्रीत सिंह कहते हैं यहां के ज्यादातर किसान फूलों की खेती कर रहे हैं. इस बार उनको भारी नुकसान हुआ है. 200 एकड़ से ज्यादा फूलों की फसल प्रभावित हुई है. फसल जमीन पर गिर चुकी है. गेहूं और दूसरी फसलों को भी नुकसान हुआ है. हालांकि, सबसे ज्यादा असर फूलों की खेती पर पड़ा है. ओलावृष्टि से सभी खेत सफेद हो गए हैं. अब तो हमारे पास गेंहू है ना ही पशुओं के लिए चारा. इस बार गेहूं की फसल की जगह फूलों की फसल उगाई थी और अब वो भी बर्बाद हो गई. हमारे पास बच्चों को खिलाने भर का अनाज भी नहीं है.

 

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