देश के कई राज्यों में मौसम ने करवट ली है लेकिन राजस्थान में बारिश और ओलों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. राजस्थान का फतेहपुर हो, पाली हो, राजाखेड़ा हो या गुरदासपुर, बदले मौसम ने फसल पर भारी असर डाला है. शुक्रवार (18 मार्च) को घने काले बादलों की आवाजाही और बादलों की तेज गड़गड़ाहट के साथ बारिश का दौर शुरू हुआ. जिससे फसलों को काफी नुकसान हुआ.
धौलपुर के किसानों का हाल
राजस्थान के धौलपुर जिले के राजाखेड़ा उप खंड में करीब आधा घंटा तक चैत्र के महीने में सावन महीने जैसी मूसलाधार बारिश हुई. इससे कस्बे के निचले इलाकों की सड़कों पानी का ओवर फ्लो होने लगा. इससे खेतों में भी बारिश का पानी भरने से गेहूं और सरसों की लावणी बंद हो गई. बेमौसम बारिश के कारण दोनों ही फसलों में काफी नुकसान पहुंचा है. बारिश के कारण गेंहूं की अधपकी फसल की चादर खेतों में बिछ चुकी है तो वहीं इससे सरसों की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है.
बता दें कि राजाखेड़ा उपखण्ड प्रशासन ने 14 मार्च को बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से रबी की फसल में हुए नुकसान का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की है. उप खंड प्रशासन के मुताबिक बसई घियाराम के अंतर्गत 50 प्रतिशत, बसई कविलाल में भी 50 प्रतिशत, घड़ी जाफर में 50, समोना में 60, सुल्तानपुर में 55, रणछोड़ पुरा में 50, सिकंदरपुर में 50, जरगा में 40, गढ़ी टीडावली में 55, नादौली में 40, आम का पुरा में 40, सांवलिया पुरा में 40, मिठावली में 70, कंचनपुरा में 70, खनपुरा में 60, खुडिला में 40, हथवारी में 40, नाहिला में 15, गढ़ी करीलपुर में 15 और खुडिला का पुरा में 15 प्रतिशत फसल खराब हुई है.
फतेहपुर में फसलें बर्बाद
शुक्रवार को दोपहर बाद तेज बारिश से फतेहपुर शहर के कई इलाको में पानी भर गया. तेज हवा और बारिश आफत बन गई है. किसानों का कहना है कि खेतों में फसलें तैयार हैं और ऐसे में ओलावृष्टि ने फसलों को बर्बाद कर दिया है. हल्की बरसात और बूंदाबांदी की वजह से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. जयपुर मौसम विभाग ने 20 मार्च तक बारिश की संभावना जताई है. मौसम विभाग जयपुर ने जयपुर, जयपुर शहर , अलवर, भरतपुर, बांसवाड़ा, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, सिरोही, पाली, उदयपुर, टोंक, बूंदी कोटा, बारां धौलपुर, सीकर, चूरू, नागौर, झुंझुनू, जोधपुर, बीकानेर जिलों और आसपास के क्षेत्रों में कहीं-कहीं पर बादलों के गर्जने के साथ बूंदाबांदी या हल्की बारिश की संभावना जताई है.
कृषि वैज्ञानिकों की किसानों को सलाह
फतेहपुर कृषि अनुसंधान केंद्र के कैलाश वर्मा ने कहा कि किसान अपने खेतों में खड़ी सरसों, गेहूं,चना, जौ, जीरा समेत अन्य फसलों को कटाई करके उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भंडारण करें. कृषि उपज मंडी में खुले में रखें अनाज और जिंसों को सुरक्षित स्थानों पर भंडारण करें ताकि उन्हें बारिश से बचाया जा सके. इसके अलावा रबी की फसलों में सिंचाई और रसायनिक छिड़काव वर्षा की गतिविधियों को ध्यान में रखकर करें.
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर की ओर से कहा गया है कि पिछले 24 घंटों में राज्य के कुछ भागों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश दर्ज की गई है. पूर्वी राजस्थान में सर्वाधिक बारिश 44mm शाहपुरा, जयपुर में जबकि पश्चिमी राजस्थान के नागौर में 7 mm दर्ज की गई है. पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से आज भी ( 18 मार्च) मेघगर्जन के साथ बारिश, तेज हवाएं व ओलावृष्टि की गतिविधियां बीकानेर, जयपुर, भरतपुर, जोधपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर संभाग के कुछ भागों में जारी रहने की प्रबल संभावना है. इसके अलावा एक और नया पश्चिमी विक्षोभ 19 मार्च से राज्य के ऊपर प्रभावी होगा और पुनः थंडरस्टॉर्म के साथ बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी. इसके असर से 19-20 मार्च को मेघगर्जन, बारिश, तेज हवाएं व कहीं कहीं ओलावृष्टि का दौर राज्य के कुछ भागों में जारी रहेगा.
पाली में तैयार फसल बर्बाद
पाली में भी लगभग पूरे जिले में ठंडी हवाओं के साथ मौसम बदला. बाली तहसील के भाटूंद गांव में चने के आकर के ओले गिरे, इसके साथ ही गांव में कहीं तेज तो कहीं धीमी गति से बरसात हुई और तेज हवाएं चलने से रवेतो में तैयार पड़ी फसल झुक गई. इससे दाने की गुणवत्ता में कम हुई. वहीं अनेको गांवों में कटी हुई फसल गीली हो गई. किसान उसे बचाने का जतन करते नजर आये. पाली जिले के बाली, सुमेरपुर, रानी, जेतारण समेत अनेकों गावों में तेज बरसात हुई, पाली शहर में हल्की बूंदाबांदी हुई, जिससे मौसम में ठंडक हो गई.
(इनपुट-भारत भूषण जोशी, राकेश गुर्जर, उमेश)