Petrol-diesel Price affecting Farming: भारतीय तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी कर रही है. कई राज्यों में दोनों की कीमतें सैंकड़ा पार कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं. इससे आम-आदमी तो परेशान है ही, साथ ही किसानों की भी दिक्कतें खासा बढ़ गई हैं.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में पेट्रोल प्रति लीटर शतक का आंकड़ा पार कर गया है. वहीं डीजल के दाम भी सैंकड़ा पार करने के करीब है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक चंदौली में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये 49 पैसे प्रति लीटर पहुंच गई है. वहीं डीजल 92 रुपये 50 पैसे प्रति लीटर हो गया है.
किसानों का खर्चा बढ़ा
चंदौली धान के कटोरे के नाम से पूरे भारत में प्रसिद्ध है. दरअसल यहां की ज्यादातर आबादी मुख्य रूप से कृषि पर ही निर्भर है. लेकिन डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से किसानों के भी जेब पर भारी असर पड़ रहा है. ज्यादातर किसान अक्टूबर के महीने में रबी के फसलों की तैयारी के लिए जुताई करना शुरू कर देते हैं. ऐसे में बढ़ी हुई डीजल की कीमतोें की वजह किसानों का खर्चा काफी बढ़ गया है.
चंदौली के बल्लू यादव कहते हैं हम जैसे छोटे किसान किराए पर ट्रैक्टर लेकर जुताई और सिंचाई का काम करते हैं. लेकिन डीजल महंगा हो जाने के कारण अब इसका किराया भी बढ़ गया है. इसके अलावा खेतों की सिंचाई भी अब काफी महंगी हो गई है. पहले सिंचाई के लिए 100 प्रति घंटा लगता था अब तीन से चार सौ रुपये प्रति घंटा देना पड़ रहा है.
जुताई से लेकर सिंचाई तक हुई मंहगी
वहीं राकेश कुमार बताते हैं कि ट्रैक्टर से जुताई काफी महंगी हो गई है. पहले जुताई के लिए हम 500 बीघा ट्रैक्टर मालिकों को देते थे, अब ये बढ़कर 900 से लेकर 1000 बीघा तक देना पड़ रहा है. पंपिंग सेट का किराया भी काफी महंगा हो गया है. वे आगे बताते हैं डीजल महंगा हो जाने से किसान की आय तकरीबन 30% कम हो गई है.
चंदौली के ही दीनदयाल नगर के एक स्थानीय पेट्रोल पंप पर ईधन लेने आए लोगों इस मसले पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार से जल्द से जल्द पेट्रोल-डीजल के बढ़ते रेट के खिलाफ कदम उठाने की अपील की है. दीनदयाल नगर के ही आलोक अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहते हैं हालात ऐसे हो गए हैं कि अब मोटरसाइकिल घर पर रखने की नौबत आ गई है. इस सरकार में डीजल पेट्रोल के दामों में जितना बढ़ोत्तरी हुई है उतनी तो अन्य सरकारों के कार्यकाल में भी नहीं हुई थी.