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Mustard Farming: बढ़िया उपज और बंपर मुनाफे के लिए कब और कैसे करें सरसों की बुवाई? यहां पढ़ें पूरी जानकारी

Mustard Farming Tips: ठंड के मौसम में सरसों की खेती करना सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है. इसकी खेती के लिए 15 से 25 सेल्सियस के तापमान की आवश्यकता होती है. हर तरह की मिट्टी में इसकी खेती संभव है. हालांकि, बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए सर्वाधिक उपयुक्त मानी जाती है.

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Mustard Farming
Mustard Farming

Mustard Farming: सरसों को रबी की सबसे महत्वपूर्ण फसलों में माना जाता है. राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. इसके बीजों में तेल की मात्रा तकरीबन 30 से 48 प्रतिशत तक पाई जाती है, जिससे इस फसल का महत्व काफी ज्यादा बढ़ जाता है. 

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ठंड का मौसम सबसे ज्यादा उपयुक्त

ठंड के मौसम में सरसों की खेती करना सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है. इसकी खेती के लिए 15 से 25 सेल्सियस के तापमान की आवश्यकता होती है. हर तरह की मिट्टी में इसकी खेती संभव है. हालांकि, बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए सर्वाधिक उपयुक्त मानी जाती है.

हर साल बीज खरीदना आवश्यक नहीं

सरसों की खेती के लिए हर साल बीज खरीदने की आवश्यकता नहीं है. इसके बीज काफी महंगे आते हैं. विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आपने पिछले साल सरसों की खेती की है तो अपनी उपज से ही दानों को बीज की तरह उपयोग कर सकते हैं. 

इस तरह खेत करें तैयार

सरसों के लिए भुरभुरी मिट्टी की जरूरत होती है. खरीफ फसलों की कटाई के बाद खेतों में एक गहरी जुताई प्लाऊ करनी चाहिए. तीन चार बाार देशी हल से जुताई करना चाहिए है. इसके अलावा नमी संरक्षण के लिए हमे पाटा लगाना चाहिए.

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खेत में दीमक, चितकबरा और अन्य कीटो के प्रकोप को नियंत्रण करने के लिए अंतिम जुताई के समय क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलोग्राम प्रति हेक्टयर की दर से अंतिम जुताई के साथ खेत मे मिलना चाहिए. वहीं, फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए 2 से 3 किलोग्राम एजोटोबेक्टर एवं पी.ए.बी कल्चर की 50 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मीकल्चर में मिलाकर अंतिम जुताई से पूर्व मिला दें.

ऐसे करें बुवाई

सरसों की बुवाई कतारो में करनी चाहिए. कतार से कतार की दूरी 45 सें. मी. तथा पौधों से पौधें की दूरी 20 सें. मी. रखनी चाहिए. इसके लिए सीडड्रिल मशीन का उपयोग करना चाहिए.

खरपतवार नियंत्रण

सरसों के खेत अनेक प्रकार के खरपतवार उग आते है, इनके नियंत्रण के लिए निराई गुड़ाई बुवाई के तीसरे सप्ताह के बाद से नियमित अंतराल पर 2 से 3 निराई करनी आवश्यक होती है.

इतनी होगी उपज

अगर आप सरसों की खेती कर रहे हैं. इस दौरान जलवायु ठीक-ठाक रहती . किसी तरह की प्राकृतिक आपदा का संकट नहीं आता है. फसल रोग और खरपतवार मुक्त रहती है तो इससे 25-30 क्विंटल प्रति हैक्टर तक उत्पादन लिया जा सकता हैं.

 

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