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दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश के तमाम राज्यों में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है. खेतों में पराली जलाने की घटनाओं को भी AQI लेवल बढ़ने का मुख्य वजह माना जा रहा है. सबसे ज्यादा खराब हालात पंजाब की है. हाल के दिनों में बड़ी संख्या में यहां से बड़ी संख्या में पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं.
पराली जलाने की घटनाओं में इतनी आई कमी
बिगड़ते हुए प्रदूषण के स्तर के बीच पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में रविवार यानी 6 नवंबर को कमी दर्ज की गई है. पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 9 प्रतिशत की कमी आई है. हरियाणा में ये आंकड़ा 39 प्रतिशत का है. वहीं उत्तर प्रदेश में 46 प्रतिशत पराली जलाने की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है.
उत्तर प्रदेश में पराली जलाने वाले किसानों को चेतावनी
दरअसल, उत्तर प्रदेश में पराली जलाने वाले किसानों की प्रधानमंत्री सम्मान निधि समाप्त कर देने की चेतावनी दी गई है. इसके अलावा ऐसे लोगों में 5000 तक का जुर्माना लगाने की बात भी कही जा रही है. यही वजह है कि किसानों के बीच पराली जलाने की घटनाओं की कमी आई है.
पंजाब में भी शुरू हुई कार्रवाई
मोगा जिले में भी कई किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं. जिले के उपायुक्त कुलवंत सिंह ने हाल ही में कहा था कि खेतों में आग लगाने वाले किसानों को सरकारी सुविधाओं से वंचित रखा जा सकता है. इनके कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
हरियाणा में पराली न जलाने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि
हरियाणा सरकार भी अपने यहां के किसानों को पराली न जलाने की हिदायत दे रही है. सरकार किसानों द्वारा इथेनॉल संयंत्रों को पराली सौंपने पर 2000 रुपये प्रति एकड़ मुहैया करा रही है. वहीं, गौशालाओं को ये पराली देने पर किसानों को 1500 रुपये प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं. साथ ही किसानों को पराली नहीं जलाने पर अन्य कई तरह की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है.