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Budget 2022: क्या है केन बेतवा लिंक परियोजना, जिसके लिए सरकार ने दिए 44,605 हजार करोड़ रुपये?

Budget 2022: बुंदेलखंड का क्षेत्र दशकों से भयंकर सूखा झेल रहा रहा है. कृषि पर निर्भर यहां के लोग प्राकृतिक आपदाओं की वजह से भयंकर आर्थिक समस्याएं झेल रहे हैं. केन बेतवा लिंक परियोजना के पूरा होने से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के दर्जनों जिले के किसानों का सिंचाई और पेयजल के संकट का स्थायी समाधान हो जाएगा.

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केन बेतवा लिंक परियोजना
केन बेतवा लिंक परियोजना
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 9 लाख हेक्टेयर रकबे से ज्यादा कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा
  • 62 लाख लोगों के पेयजल के संकट का स्थायी समाधान

Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए कई अहम ऐलान किए हैं. इस बजट में गेहूं-धान खरीद से लेकर कृषि में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बजट आवंटित किया गया है. इसके अलावा सरकार की तरफ केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए 44,605 करोड़ रुपये का धन आवंटित किया गया है.

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बुंदेलखंड का क्षेत्र दशकों से भयंकर सूखा झेल रहा रहा है. कृषि पर निर्भर यहां के लोग प्राकृतिक आपदाओं की वजह से भयंकर आर्थिक समस्याएं झेल रहे हैं. केन बेतवा लिंक परियोजना के पूरे होने से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के दर्जनों जिले के किसानों का सिंचाई और पेयजल के संकट का स्थायी समाधान हो जाएगा.

सरकार के मुताबिक, इस योजना के पूरे होने के बाद 9 लाख हेक्टेयर रकबे से ज्यादा कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी. साथ ही क्षेत्र के  62 लाख लोगों को पीने का पानी नसीब होगा. परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश में दो बैराज और मध्यप्रदेश की नदियों पर सात बांध बनाए जाएंगे. 103 मेगावाट हाइड्रो पावर और 27 मेगावाट सोलर पावर का उत्पादन होगा.

इस परियोजना में 44605 करोड़ रुपए का खर्च होगा, जिसका 90 फीसदी केंद्र सरकार वहन करेगी. वहीं पांच-पांच फीसदी का खर्च मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार करेगी . इस परियोजना को 8 साल में पूरा कर लिया जाएगा. परियोजना में 176 किलोमीटर की लिंक कनाल का निर्माण किया जाएगा. कनाल के माध्यम से दोनों नदियों को जोड़ा जाएगा. इससे यहां के किसानों बेहद फायदा होगा. 

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बता दें कि सरकार के इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के चार जिले बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर को 750 मिलियन क्यूसेक मीटर पानी मिलेगा. इन जिलों के दो लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि सिंचित होगी. वहीं मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छत्तरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी जिले के किसान भी इस परियोजना का लाभ उठा सकेंगे.
 

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