
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. गेहूं, दलहन और तिलहन की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. अब तेज आंधी के चलते आम की फसल भी बर्बाद हो रही है. पेड़ों पर लगे आम तैयार होने से पहले ही जमीन पर गिर गए हैं. प्रदेश के अन्य जिलों की तरह चंदौली में भी आम की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
ओलावृष्टि से आम के फलों को नुकसान
चंदौली के आम उत्पादक किसान बुद्धु सोनकर ने 2 साल के लिए साढ़े आठ लाख रुपए में आम का बगीचा खरीदा था. पिछले साल उन्हें आम की अच्छी पैदावार हासिल नहीं हुई थी. वहीं, इस साल पेड़ पर अच्छे फल लगे थे. बुद्धु सोनकर को उम्मीद थी कि पिछले साल का घाटा इस साल पूरा कर लेंगे. अब उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. ओलावृष्टि के चलते आम के फल पेड़ से टूटकर जमीन पर गिर गए.
टूटे हुए फल पर 1 रुपया भी नहीं मिलेगा
बुद्धू सोनकर बताते हैं कि इस बार हम लोगों को अच्छी फसल की उम्मीद थी. आंधी-पानी और ओलावृष्टि से फसल को बहुत नुकसान हुआ है. पिछले साल हम लोगों ने इस बगीचे को साढ़े आठ लाख रुपए में 2 साल के लिए लिया था. दवा छिड़काव से लेकर मजदूरी तक में 5 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. ओलावृष्टि से काफी फल गिर गया. इन गिरे फलों पर एक रुपए किलो का भी भाव नहीं मिलेगा. इन्हें फेंकने के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं रह गया है. अगर यह फल थोड़ा बड़ा होता तो उसकी कीमत मिल जाती.
कर्ज में डूब जाएंगे
बुद्धू सोनकर आगे बताते हैं कि इस बार 50 परसेंट आम गिर चुका है. मौसम इसी तरह जारी रहा तो बाकी फल जो बचा है वह भी गिर जाएगा. हम लोगों के बाग में 15-20 लेबर काम करते हैं. रोज का खर्च है. हमे उम्मीद थी कि इस बार अच्छा मुनाफा कमाएंगे. फसल पर लिए गए कर्ज को चुका देंगे. अब ओलावृष्टि के चलते हम और कर्ज में डूब जाएंगे.