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Stubble Burning: सख्ती के बाद भी पराली जलाने पर नहीं लग रही लगाम, यूपी के कई जिलों में किसानों पर हुई कार्रवाई

UP Pollution: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में राजस्व विभाग की टीम द्वारा पराली जाने के आरोप में लखिमा थरुआ निवासी रम्भू गुप्ता के विरुद्ध कानूनगो बागापार द्वारा केस दर्ज कराया गया है. इसके अलावा भी कई जिलों में कार्रवाई की गई है.

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UP Pollution Update: प्रतीकात्मक तस्वीर
UP Pollution Update: प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूपी के कई जिलों में जलाई जा रही पराली
  • बड़ी संख्या में किसानों के खिलाफ एक्शन

UP Pollution Increased Due to Stubble Burning: प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आदेश जारी किया है कि किसी भी सूरत में खेतों में धान की पराली न जलाई जाए, लेकिन प्रदेश के कई जिलों में सरकार की मनाही के बावजूद किसान पराली जला रहे हैं. पराली जलाने को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानों पर कार्रवाई किए जाने की खबरें आ रही हैं. हरदोई में पराली जलाने के आरोप में 21 किसानों पर आर्थिक जुर्माना लगाया गया है. वहीं, महाराजगंज में एक किसान पर एफआईआर भी कराई गई है. आइए जानते हैं कि पराली जलाने को लेकर किस जिले में क्या कार्रवाई हुई है.

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हरदोई में 21 किसानों पर कार्रवाई

खेतो में पराली जलाने से बढ़ते प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पराली न जलाने के आदेश के बाद भी उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पराली जलाने की तस्वीरें लगातार सामने आने के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कृषि विभाग, एसडीएम और लेखपालों की टीम को मौके पर पहुंचकर पराली जलाने वाले किसानो पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर कई किसानो के खेतो में धान की पराली जलाने के बाद 21 किसानो पर पराली जलाने के आरोप में उन्हें नोटिस जारी किया है. इन सभी किसानों पर पराली जलाने की आरोप सिद्ध होने पर जुर्माना वसूला जाएगा. वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदूषण का वास्ता देकर किसानो को जागरूक करने उन्हें सुविधा देने के साथ पराली न जलाने की हिदायत दे रहा है.

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हरदोई के कृषि उपनिदेशक नंदकिशोर ने बताया कि किसान भाइयों को पराली और फसल अवशेष के लिए निशुल्क वेस्ट कंपोजर दिया जा रहा है कि इसको सड़ा गला करके खाद बनाएं. पराली और फसल अवशेष नजदीकी गौशाला में पहुंचाएं और दो ट्राली के बदले में एक ट्राली गोबर की खाद प्राप्त करें. खेत की उर्वरा शक्ति बनाए पराली जलाने की स्थिति न पैदा हो, उसके लिए हमारी जो कंबाइन हार्वेस्टर मशीन है. उसमें सुपर एक्स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाने के लिए बात की गई है.

इसके अलावा दूसरे कई तरह के यंत्र किसान को ऐसे पचास परसेंट से अस्सी परसेंट अनुदान पर दिए जा रहे हैं. उनका इस्तेमाल करेंगे तो पराली जलाने वाली स्थिति पैदा नहीं होगी. इसके बावजूद भी किसान भाई जो पराली में आग लगा दिए हैं और उसकी जानकारी जैसे मिली है. तो जानकारी के हिसाब से उन किसान भाइयों को नोटिस जारी की गई है कि इतनी पराली प्रबंधन की व्यवस्था होने के बावजूद भी आपने आग क्यों लगाई है. इसके लिए क्यों ना आपके लिए  जुर्माना अधिरोपित किया जाए.ऐसे 21 नोटिस जारी किए गए हैं.

महराजगंज ने किसान पर दर्ज हुई एफआईआर

उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में राजस्व विभाग की टीम द्वारा पराली जाने के आरोप में लखिमा थरुआ निवासी रम्भू गुप्ता के विरुद्ध कानूनगो बागापार द्वारा केस दर्ज कराया गया है. एडीएम पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार प्रदेश में पराली जलाना दंडनीय अपराध है.उन्होंने कहा कि जनपद में जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न बैठकों में इस बात को स्पष्ट कर दिया गया था कि कोई भी किसान पराली न जलाए.जनपद में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए राजस्व विभाग की विभिन्न निगरानी टीमों को लगाया गया है.

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यूपी में पराली जलाने पर किसानों पर एक्शन
यूपी में पराली जलाने पर किसानों पर एक्शन

इसी क्रम में कानूनगो सौफीक अहमद की टीम ने निरीक्षण के दौरान पराली जलाते हुए मिलने पर रम्भू गुप्ता के विरुद्ध कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया.एडीएम पंकज कुमार वर्मा ने किसानों से अपील की है कि किसान पराली कत्तई न जलाएं, बल्कि इसका निस्तारण अन्य विधियों द्वारा करें, जिससे पर्यावरण व मिट्टी को नुकसान से बचाया जा सके. ऐसा नहीं करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.

फतेहपुर में 20 किसानों पर कार्रवाई

किसानों द्वारा पराली जलाए जाने के कारण ज्यादातर जगहों पर धुंध की स्थिति उत्पन हो रही है. ऐसा ही ताजा मामला यूपी के फतेहपुर जिले में भी देखने को मिला जहां सरकार के सख्त निर्देश के बावजूद भी किसान बाज नहीं आ रहे हैं और पराली जलाने का सिलसिला निरंतर जारी है.अगर कार्रवाई की बात करें तो कृषि विभाग को जिले से कुल 50 शिकायतों प्राप्त हुई थी, जिसमे 20 किसानों पर कृषि विभाग द्वारा कार्यवाई की गई है और जुर्माने के लिए नोटिस जारी की गई है. फतेहपुर जिले के कृषि विभाग को लगातार पराली जलाने की शिकायतें मिल रही है. पराली के रोकथाम के लिए जिले के 132 न्याय पंचायतों में कृषि विभाग के अधिकारी के अगुवाई में टीमें गठित की गई है. जो प्रत्येक न्याय पंचायतों में में निगरानी कर रही है और शिकायत मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंचकर सत्यापन कर इसकी जानकारी जिले के अधिकारीयों को देती है.

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जिले के तीन तहसीलों में से कृषि विभाग को पराली जलाने के मामले में अबतक 50 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसमें सबसे ज्यादा सदर तहसील की 33 शिकायतें प्राप्त हुईं. इसमें पराली जलाने की 10 शिकायतें सही पाई गईं. खागा तहसील की बात करें तो विभाग को कुल 8 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिसमें 3 शिकायतें सही पाई गई और बिंदकी तहसील में कुल 9 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमे 7 शिकायतें सही पाई गई.इस तरह  विभाग द्वारा कुल 20 किसानों को नोटिस जारी कर जुर्माना लगाया गया है. वहीं, कृषि विभाग के उप-निदेशक राम मिलन परिहार ने बताया की पराली के रोकथाम के लिए जिले के 132 न्याय पंचायतों में कृषि विभाग के अधिकारी के अगुवाई में गठित की गई है. साथ ही साथ, किसानों को पराली न जलाने के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि फतेहपुर जिले में पराली जलाने के कुल 50 मामले सामने आए थे जिसमें 20 लोगों के खिलाफ मामले सही पाए गए और उनके विरुद्ध जुर्माने की कार्रवाई की गई है.

झांसी में दो कम्बाईन हारवेस्टर मशीनें जब्त

सरकार की लाख सख्ती के बाद भी पराली जलाने की घटनाओं में कमी आती नही दिख रही है. ताजा मामला झांसी जिले का सामने आया है जिस में झांसी के जिला प्रशासन ने बिना अनुमति खेतो में कटाई कर रहे दो कंबाइन मशीनो को सीज कर दिया. वही पुरानी जगह है जो रूप में 3 किसानों का राशन कार्ड रद्द कर दिया गया. दरअसल, पराली या फसल अवशेष जलाने की बढ़ती घटनाओं पर जिला प्रसासन बहुत सख्त नजर आ रहा है. जिला प्रशासन ने गांव गांव मुनादी व अभियान के माध्यम से ऐलान कर दिया है. किसानों को पराली जलाने के दुष्परिणाम से भी अवगत कराया जा रहा है. इसके बाबजूद अगर पराली या फसल के अबशेष जलने की घटना सामने आती है.तो पराली जलाने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिलेगा.

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तीन किसानों का राशन कार्ड निरस्त

पराली जलाने की अब तक कि घटना में जिले में तीन किसानों का रासन कार्ड निरस्त कर दिया. जिला प्रसासन ने विज्ञप्ति जारी कर जानकारी देते हुए बताया कि जागरूकता के बाद भी किसान पराली जलाने से बाज नही आ रहे है.अब तक इस साल जिले में फसलों के अवशेष जलाने की 21 घटनाएं सेटेलाइट के माध्यम से पकड़ी गई.जिन लोकेशन पर यह फसल अवशेष जलाने की घटनाएं हुई.उन सब दोषियों के खिलाफ जांच प्रारंभ कर दी गई है.तथा दोषी पाए जाने पर अब तक तीन किसानों के राशनकार्ड निरस्त करने की कार्यवाही की जा चुकी है.

यूपी में जल रही पराली
यूपी में जल रही पराली

बुलंदशहर में दो किसानों पर जुर्माने की कार्रवाई

बुलंदशहर में प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए पराली जलाने पर अंकुश लगाया जा रहा है. लेकिन पराली जलाने के मामले लगातार आ रहे हैं.जिला प्रशासन ने सर्विलांस टीम लगाकर पराली के मामलों में कार्रवाई के लिए तैनात कर रखा है.अभी तक बुलंदशहर जनपद के शिकारपुर तहसील के सहार और खखुदा गांव में पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. तहसील प्रशासन ने लेखपाल के माध्यम से पराली जलाने के तथ्य और सबूत इकट्ठे किए और जुर्माने के लिए नोटिस भिजवाया है. जिला कृषि अधिकारी राहुल तेवतिया ने बताया की अभी तक 2 मामले सामने आए हैं. दोनों किसानों को तहसील के माध्यम से ढाई-ढाई हजार रुपे के जुर्माने के नोटिस सर्व कराए गए हैं.कृषि विभाग लगातार चेतावनी दे रहा है कि किसान पराली न जलाएं.

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श्रावस्ती में रोक के बावजूद भी किसान जला रहे पराली

श्रावस्ती जिले में धान की कटाई के बाद बचे हुए धान के अवशेष पराली को अब किसान बेधड़क होकर खेतों में जला रहे हैं, जिसके चलते पराली से उठने वाले धुंए से प्रदूषण बढ़ रहा है. बताते चलें की पर्यावरण सुरक्षा को लेकर शासन और प्रशासन की ओर से धान की फसल के बचे हुए अवशेष पराली को जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया था. साथ ही लोगों से अपील भी की गई थी की वह अपने खेतों में बचे हुए धान के अवशेष पराली को न जलाएं. बावजूद इसके जिले के तहसील जमुनहा क्षेत्र में सरेआम प्रशासन के आदेशो की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.किसान धान की मड़ाई के बाद जो अवशेष पराली बचती है उसे शाम ढलते ही खेतों में जला रहे हैं.जिससे निकलने वाला धुंआ आसपास वातावरण को प्रदूषित कर रहा है.

हालांकि, विभाग द्वारा पराली जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया था. सेटेलाइट से निगरानी भी कराई जा रही है. बावजूद इसके किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं, जिसके चलते अब प्रदूषण बढ़ रहा है. कृषि निदेशक कमल कटियार ने कहा की हमने विभिन्न प्रचार माध्यमों से होर्डिंग लगवा कर व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से यह जागरूकता लाने का प्रयास किया है कि वह पराली न जलाएं, क्योंकि इससे मृदा स्वास्थ्य प्रभावित होने के साथ ही पर्यावरण भी नुकसान और प्रदूषित होता है. इसके अलावा कृषक भाइ जो गुणवत्तापूर्ण खाद बनती है उससे भी वंचित रह जाते हैं.इसके लिए हमने जनपद में 11 हजार 300 वेस्ट डी कंपोजर की बॉटल मंगवाई है.जिनको हमने पूरे जनपद में कृषकों को वितरित किया है.

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(हरदोई से प्रशांत पाठक,महाराजगंज से अमितेश,फतेहपुर से नितेश श्रीवास्तव,झांसी से अमित, श्रावस्ती से पंकज, और बुलंदशहर से मुकुल के इनपुट के साथ)

 

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