
UP News, Agriculture Latest News: उत्तर प्रदेश में इन दिनों फसलों की बुवाई का सीजन शुरू हो चुका है. कुछ किसानों को महंगे डीजल के चलते अपनी फसलों को सींचने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. ले देकर अब सहारा नहरों का ही है. कुछ इसी तरह की दिक्कत रामपुर के किसानों को भी देखने को मिल रही है. इसी दिक्कत को दूर करने के लिए किसानों ने बरेली बॉर्डर पर कार सेवा के जरिए बांध (डैम) बनाने का काम शुरू किया है.
रामपुर-बरेली सीमा पर खेमरी डैम से होकर बहने वाली बेगुल नदी पर वर्षों से फसलों को सींचे जाने के लिए बांध बनाया जाता रहा है. इस बांध के जरिए जहां बरेली तहसील के किसानों को फायदा होता है, तो वहीं जनपद बरेली के तहसील बहेड़ी और शीशगढ़ के किसानों को भी नहरों के जरिए उनकी फसलों के लिए पानी मिलता रहा है, लेकिन कुछ समय से इस नदी पर अस्थाई बांध नहीं बनाया गया है. इसके बाद किसानों ने इस काम का बीड़ा उठाते हुए बिना किसी सरकारी मदद के कार सेवा के जरिए बांध बनाने का कार्य शुरू कर दिया है. किसान सरकार द्वारा इस बांध को बनाए जाने को लेकर किसी प्रकार की मदद न करने को लेकर खासा नाराज भी नजर आ रहे हैं.
किसान हामिद बताते हैं, ''यह बांध बनाया जा रहा है किसानों की खेती के लिए और सिंचाई करने के लिए. पहले यहां कच्चा बांध बनता था, लेकिन यहां पहले जो पक्का बांध था, वे लगभग 35 या 40 साल पहले बह गए. यहां 35 या 40 साल से सरकार कच्चा बांध बनाती रही. उसके बाद बीच में छोड़ दिया सरकार ने. फिर 2016 से कार सेवा के लिए कदम उठाया और सबके सहयोग से बांध बना. बांध नहीं होने से लोगों को यह नुकसान था कि सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलता था. इससे लगभग तीन तहसीलों को पानी मिलता है. तहसील बहेड़ी, तहसील बिलासपुर, तहसील मीरगंज जब यह बांध बन जाएगा तो सबको पानी मिलता हैं और मिलेगा. यह पानी जाता है बल्ली डैम पर. यह सब किसानों के सहयोग से कर रहे हैं. किसान सबसे चंदा कर रहे हैं और अपना सहयोग कर रहे हैं.''
किसान वेद प्रकाश के मुताबिक, हमारे क्षेत्र में सिंचाई के साधन बहुत कम हैं. खेती करने में बहुत दिक्कत होती है तो हम लोग कार सेवा से सब लोगों के सहयोग से ये बांध बंधवा रहे हैं. इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सारे लोग मिलकर कार सेवा का काम करते हैं और हम यह बांध को लेकर पानी रोक करके अपने-अपने खेतों की सिंचाई करते हैं. इस बांध के पानी से 125 गांव को पानी मिलता है, जिसमे 35 गांव बहेड़ी क्षेत्र से आते हैं. 25 गांव बिलासपुर क्षेत्र से आते हैं और 60 गांव मीरगंज क्षेत्र से आते हैं और यह हमारा बांध का पानी तीन विधानसभा क्षेत्र से मिलता है. यह कार्य चलते हुए लगभग 18 दिन हो गए. इसमें लगभग 5 लाख रुपये खर्च हो गए हैं और दो से तीन लाख रुपये का खर्चा और आ सकता है. सरकार की ओर से कोई मदद नहीं की गई है.
किसान कोमल प्रसाद के मुताबिक यहां पर बांध बन रहा है सिंचाई करने के लिए सरकार ने नहीं बनवाया सरकार कहती है हमें कोई लाभ नहीं है अपने आप बांधो पानी लगानी है तो हमें बहुत परेशानी हो रही है पानी की चंदा उगाकर ये बांध बनवा रहे हैं दिन रात मेहनत करनी पड़ रही है यह तो सरकार की मर्जी है हमने बांध बाना और कुछ लोगों ने कटवा दिया और सरकारों ने कटवाया है ले देके, इस को 18 दिन हो गए काम चलते हुए सरकार बोली अपने आप काम करो पानी का हम नहीं कर सकते सरकार ने नहीं बनवाया खुद बना रहे हैं कार सेवा से.
वहीं, एक और किसान शुभम कुमार ने बताया, ''यहां हम कच्चे बांध का निर्माण करा रहे हैं. यहां कच्चा बांध होने से हमारे किसान भाइयों को बहुत ज्यादा फायदा मिलता है और इससे हमें तीन तहसीलों को पानी मिलता है- बिलासपुर तहसील, बहेड़ी तहसील और मीरगंज. सरकार से हमें कोई मदद नहीं मिली है. हम सब लोग किसान कल्याण समिति के द्वारा जो चंद लोग है, वे गांव-गांव जाकर चंदा इकट्ठा करके इसका निर्माण करते हैं.''