
Gerbera Flower Cultivation: भारत में खेती को लेकर किसान धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं. इसके साथ ही इस क्षेत्र से पढ़े-लिखे युवा भी जुड़ रहे हैं. ऐसा ही कुछ आजमगढ़ में देखने को मिला है. आजमगढ़ के अभिनव सिंह ब्रिटेन (Britain) में अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ जरबेरा फूलों की खेती में हाथ आजमा रहे हैं. साथ ही वे इसके माध्यम से महिलाओं और युवाओं को रोजगार भी प्रदान कर रहे हैं.
माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी छोड़ शुरू की फूलों की खेती
आजमगढ़ के चिलबिला गांव निवासी अभिनव सिंह ब्रिटेन में माइक्रोसॉफ्ट( Microsoft) में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर तैनात थे. वहां उनकी सैलरी 80 लाख रुपये सालाना थी. लेकिन देश की याद उन्हें हमेशा सताती थी. यही वजह है कि उन्होंने अपनी जमी-जमाई नौकरी छोड़ वापस अपने गांव लौटने का फैसला किया. वापस आने के बाद उन्होंने सरकारी योजनाओं की मदद से गांव में ही 1 एकड़ खेत में पाली हाउस लगाकर जरबेरा फूल की खेती (Gerbera Flowers Farming) करनी शुरू कर दी. इन फूलों का उपयोग होटलों, घरों की शोभा बढ़ाने के साथ शादी विवाह और मांगलिक कार्यों में होता है.
कमा रहे बढ़िया मुनाफा
अभिनव सिंह कहते हैं इस फूल की खेती से उन्हें तो मुनाफा हो ही रहा है, साथ ही आसपास के 50 से ज्यादा महिलाएं और पुरुषों को रोजगार भी दे रखा है. वह आगे बताते हैं कि इस फूल की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि आने वाले समय में इसकी खेती करने वाले किसानों के मुनाफे में इजाफा भी होगा.
बंजर जमीन पर उगाई फसल
अभिनव जिस खेत में इस फूल की खेती कर रहे हैं, वह किसानी के लिहाज से बेकार मानी जाती रही है. ऐसे में अभिनव के इस कदम की उनके क्षेत्र में काफी प्रशंसा हो रही है. धीरे-धीरे उनसे जुड़ने वाले किसानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. अभिनव देश के साथ-साथ विदेशों में भी इस फूल को निर्यात करना शुरू कर चुके हैं. इसके अलावा फूल की खेती के क्षेत्र के अन्य किसानों को भी प्रशिक्षित कर उनका भी मुनाफा बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं.