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'जब तक आवारा पशु नहीं हटेंगे, तब तक तार नहीं कटेंगे' किसानों की सरकार को खुली चुनौती

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खेतों से कटीले तार हटाने के आदेश के बाद किसान परेशान हैं. फसलों को बचाने के लिए उन्हें खेतों में 12 से 13 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ रही है. किसानों की मांग है कि सरकार पहले छुट्टा जानवरों को नियंत्रित करे, फिर वे खेतों के किनारे लगे अपने कटीले तार खुद ही हटा लेंगे.

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Farmer's on barbed wire ban
Farmer's on barbed wire ban

Farmer's on barbed wire ban: उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में जानवरों को खेत में घुसने से रोकने के लिए साधारण रस्सी का प्रयोग करने का आदेश दिया था. खेत में ब्लेड या कटीले तारों का प्रयोग करने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया गया है. अब किसान सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

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फसल को बचाने के लिए लगाए जाने वाले कटीले तारों की वजह से अक्सर जानवर घायल और अपंग हो जाते हैं. कई बार तो जानवरों की मौत तक हो जाती है.अब इसपर भारतीय किसान यूनियन ने सीएम योगी को पत्र लिख कर मांग की है कि सरकार पहले अपने सरकारी गौशालाओं से कटीले तार हटाए. 

कटीले तार हटाने के आदेश पर क्या है किसानों की राय
लखनऊ से 15 किलोमीटर दूर बन्नी राय गांव में किसान सरकार के इस आदेश से परेशान हैं. यहां के किसानों का कहना है कि खेतों के किनारे से कटीले तार हटा दिए हैं. इसके बाद से ही वे अपनी फसल बचा पाने में असमर्थ हैं. उन्हें खेतों में जानवरों से फसलों को बचाने के लिए 12 से 13 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ रही है. किसानों की मांग है कि सरकार पहले छुट्टा जानवरों को नियंत्रित करे, फिर वे खेतों के किनारे लगे अपने कटीले तार खुद हटा लेंगे.

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बन्नी राय गांव में रहने वाले किसान हरी प्रसाद सिर्फ एक बीघे में खेती करते हैं. सरकार के आदेश के बाद उन्होंने खेतों से कटीले तार हटा कर नॉर्मल तार लगा दिए हैं. जानवर उसे पार कर जाते हैं. अब वह अपनी फसल बचाने के लिए जद्दोहद कर रहे हैं. 12-12 घंटे खेतों की रखवाली कर रहे हैं.

इसी गांव के रहने वाले बद्री प्रधान कहते हैं कि मैं अपने खेतों से कटीले तार नहीं हटाऊंगा. खुद की आंखों के सामने खेतों को बर्बाद होते हुए नहीं देख सकता. सरकार अगर कटीले तार हटाना चाहती है तो पहले आवारा जानवरों को नियंत्रित करे.

पहले गौशालाओं से कटीले तार हटाए सरकार
बद्री प्रधान आगे कहते हैं कि गांव के पास गौशाला है. उस गौशाला में सरकार ने कटीले तार लगाए हैं. इसका मकसद अभी तक समझ नहीं आया हमें. सरकार गौशालाओं में इन तारों को लगवा सकती है, लेकिन खेतों में हम अपनी फसल को बचाने के लिए ये तार क्यों नहीं लगवा सकते हैं. सरकार पहले गौशालाओं से कटीले तार हटवाए, फिर हम कुछ सोचेंगे.

गांव के रहने वाले मायाराम अपने खेतों को जानवरों से बचाने के लिए दिन भर खड़े रहते हैं. एक दिन किसी आवारा जानवर ने उन्हें उठा कर पटक दिया. काफी चोटें आई हैं. उन्हें बात करने में भी तकलीफ है, फिर भी जानवरों से खेतों को बचाने के लिए खड़े रहते हैं.

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गांव के किसान हरिप्रसाद का मानना है कि दिन और रात हम खेत की रखवाली कर रहे हैं. जानवरों से खेतों से बचाने के लिए सरकार कोई समाधान नहीं ला पाई है. कटीले तारों को लगाने पर सरकार जुर्माने की बात कर रही है. हमारी फसल बर्बाद हो जाएगी.

भारतीय किसान यूनियन की क्या है राय
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा के मुताबिक, 'हम किसान कटीले तार लगाना नहीं बंद करेंगे. सरकार को पहले सोचना चाहिए कि फसल बर्बाद हो गई तो हम कहां से वापस लाएंगे. गौशालाओं में भी कटीले तार लगे हुए हैं, गायों को उससे भी चोट लगती होगी. क्या यह सरकार को नहीं दिखाई देता. हम किसान खेतों से तार तभी हटाएंगे जब आवारा जानवरों का इंतजाम हो जाए. अगर सरकार इस पर कुछ नहीं करती तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे.

 

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