Monsoon in India: देशभर के किसानों के लिए बारिश और मॉनसून की स्थिति को लेकर मौसम पूर्वानुमान जानना काफी महत्वपूर्ण है. दरअसल, हर साल मॉनसून के आगमन, तीव्रता, अवधि और निकासी में बड़े अंतर पर उतार-चढ़ाव होता है. कई बार मॉनसून की बारिश में देरी तो कभी सामान्य से अधिक बारिश के चलते किसानों को खेतों की फसल में नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में मॉनसून की फसल की खेती करने वाले किसानों के लिए मौसम पूर्वानुमान जानना जरूरी है.
इस साल मॉनसून को लेकर किसानों के लिए राहत की खबर है. कई साल के बाद इस साल यानी वर्ष 2022 में मॉनसून सामान्य रह सकता है. मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट (Skymet) की मानें तो इस साल मॉनसून सामान्य रहेगा और 96 से 104 प्रतिशत तक औसत बारिश होने की संभावना है.
स्काईमेट का कहना है कि मॉनसून का विस्तृत अनुमान लगाने के लिए आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं, मॉनसून पूर्वानुमान पर अप्रैल में विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी. मॉनसून सीजन ला नीना घटनाओं से तय होता है. पिछले 2 मॉनसून सीजन में एक के बाद एक कई ला नीना घटनाएं हुई हैं.जिनके कारण देशभर में मॉनसून असामान्य रहा.
स्काईमेट के मुताबिक, ला नीना घटनाएं अब कम होने लगी हैं. इसका सीधा असर इस साल मॉनसून पर पड़ेगा. स्काईमेट का कहना है कि मॉनसून कब आएगा, कब चरम पर रहेगा और कब लौटेगा, इसके बारे में अभी पूर्वानुमान व्यक्त करना जल्दबाजी होगा. लेकिन सामान्य रहने की अधिक संभावना बनती दिखाई दे रही है.
पिछले दो साल में मॉनसून पर बना ला नीना का प्रभाव अब सिमट रहा है. बता दें कि स्काईमेट भारतीय मौसम संबंधी भविष्यवाणी करने और वर्तमान मौसम बताने वाली कंपनी है. स्काईमेट मौसम और कृषि जोखिम और जलवायु पर निगरानी रखती है.