पशुपालन से जुड़े हैं या फिर जुड़ने की सोच रहे हैं तो हम आपके लिए पशुपालन का अच्छा, सस्ता और मुनाफा देने वाले विकल्प बताने जा रहे हैं. यह विकल्प है सुअर पालन का. यह जानवर सबसे तेजी में मुनाफा देने वाले पशुओं में शामिल माना जाता है. हर 6 महीने में इनकी संख्या में इजाफा हो जाता है. इनको पालने की लागत कम है और कमाई ज्यादा. सुअर पालन के वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, वह हम आपको बताएंगे.
सुअर पालन के लिए आप किसी पिगरी यूनिट से भी संपर्क कर सकते हैं. वहां आपके मन में पैदा हुई हर शंका का जवाब मिलेगा. अब यहां जानिए कि सुअर पालन करते वक्त उसे किन बीमारियों से बचाना है, उसको क्या खिलाना है और कैसे उसका रख-रखाव करना है.
सुअर पालन के वक्त किन बातों का रखें खयाल?
जिस जगह पर सुअरों को पालें उस जगह को कच्चा रखा जा सकता है, लेकिन छत की ऊंचाई 10-12 फीट होनी चाहिए. क्योंकि इस जानवर को गर्मी ज्यादा लगती है. पानी की भी अच्छी व्यवस्था रखनी चाहिए. सुअरों को मुख्य तौर पर चार बीमारियां हो जाने का खतरा होता है. इसमें गला घोंटू, खुर पका-मुंह पका, त्वचा से संबंधित रोग, स्वाइन फीवर शामिल है. इनसे जानवर को बचाने का उपाय यही है कि तय वक्त पर उनका टीकाकरण होता रहे.
सुअर क्या खाते हैं, अधिक मुनाफा कैसे कमाएं
सब्जी, फल के छिलके, सड़े गले फल-सब्जी, होटल का बचा खाना कुछ भी इन जानवरों को दिया जा सकता है. बस प्याज के छिलके, लहसुन के छिलके इनको नहीं देने चाहिए. अगर आपको मुनाफा कमाना है तो 10+1 फॉर्मूला से सुअर पालन कीजिए. मतलब 10 फीमेल और 1 मेल पालिए. यह जानवर साल में दो बार बच्चे देता है. एक बार में कम से कम इसके 8 बच्चे होंगे.
अब थोड़ा गणित लगाएं. अगर आपके पास 10 फीमेल हैं और एक ने 8 बच्चे भी दिए तो एक साल में 160 बच्चे हो जाएंगे. क्योंकि ये साल में दो बार बच्चें देंगे. एक बच्चा बाजार में 2 हजार रुपये का बिकता है. तो 160 बच्चों के 3 लाख 20 हजार रुपये. मान लीजिए एक लाख खर्च भी हुए तो भी दो लाख का मुनाफा सीधा-सीधा होगा.