प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लेने के लिए ई-केवाईसी होना अनिवार्य है. अगर आपने अभी तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है तो 19वीं किस्त से वंचित रह सकते हैं.
आलू किसी भी परिवार की हर रोज की जरूरत है लेकिन ये जमीन के नीचे होता है इसलिए इसमें कार्बोहाइड्रेट, फैट और शुगर सभी तत्व मौजूद होते हैं. इसलिए सेहत का ध्यान रखने वाले लोग इससे किनारा करना चाहते हैं. अब इस परेशानी का उपाय आ गया है.
कृषि विभाग के सहयोग से पहले इन लोगों ने मिट्टी का टेस्ट करवाया तो पाया कि यहां की मिट्टी भुरभुरी है और जानकारों के अनुसार इसमें स्ट्रॉबेरी की खेती हो सकती है. इन दोनों ने स्ट्रॉबेरी के 1400 पेड़ लगाए और फिर देखते-देखते पेड़ बड़ा होता गया.
इस साल समय से पहले तापमान बढ़ने लगा है. समय से पहले ठंड कम होने से फसलों को नुकसान पहुंचता है. आइए जानते हैं कि समय से पहले गर्मी आने से किन फसलों को नुकसान हो सकता है.
हरियाणा के करनाल के चोरापूरा गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान मुनीश ने 4 साल पहले 12/24 के घर के एक कमरे से मशरूम की खेती की शुरुआत की. आज वो 2 केनाल में 3 शेड बनाकर तीन महीने की मशरूम की खेती से 4 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहा है यानी तीन शेड की लागत 2 लाख और मुनाफा डबल. मुनीश अन्य किसानों को अच्छे मुनाफे के लिए अलग हटकर खेती करने की सलाह दे रहे हैं. मुनीश का कहना है कि पहले साल लागत से दोगुना मुनाफे की गारंटी है और इसके बाद तगड़ा मुनाफा होगा.
पिछले साल सितंबर से अक्टूबर के महीने में रघुनाथ ने आधा एकड़ ज़मीन पर प्रयोगात्मक आधार पर स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए थे. प्रयोग के सफल होने के बाद इस साल डेढ़ एकड़ ज़मीन पर स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए गए हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक यशवंत जगदाले ने बात करते हुए कहा कि एयरोपोनिक और हाइड्रोपोनिक तकनीक यानी जिसमें फसल का जमीन से कोई संबंध नहीं होता है. इसका सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है कि मिट्टी से होने वाली बीमारियाँ मिट्टी के संपर्क में नहीं आती हैं, इसलिए फसलों में रोग होने की संभावना नहीं रहती है.
अर्धपुर तहसील स्थित चैनपुर गांव के फिरोज खान पठान ने 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की इसके बाद पढ़ाई छोड़कर फिरोज ने खेती करने का फैसला लिया. उनके पास कुल 18 एकड़ जमीन है. शुरुआत में अन्य फसलें उगाई थीं लेकिन उनसे आय अपेक्षा के अनुरूप नहीं थी इसलिए फिरोज पठान ने खेत में फलों की खेती करने का फैसला किया.
कई फसल ज्यादा ठंड नहीं सहन कर पाती हैं और खराब होने लगती हैं. सबसे ज्यादा नुकसान आलू की फसल को होता है. ठंड लगने की वजह से आलू को झुलसा रोग लग जाता है, जिससे पूरी की पूरी फसल चौपट हो जाती है.
किसान ने बताया कि वे पिछले करीब 5 सालों से फूलों की खेती कर रहे हैं, ये खेती उन्हें कम लागत में ज्यादा मुनाफा दे रही है, इसके साथ-साथ फूलों की खेती नकदी वाली फसल है. हर रोज या फिर सप्ताह में 8 से 10 हजार रुपए मिल जाते हैं.
अगर आप पीएम किसान योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, नहीं तो आपके खाते में पैसे नहीं आएंगे. दरअसल, पीएम किसान योजना का लाभ लेने के लिए फार्मर रजिस्ट्री जरूर करना होगा.
इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ऐसे में सरसों की फसल पर कीट लगने का खतरा होता है, जिससे पूरी फसल चौपट हो सकती है. कृषि एक्सपर्ट्स ने सरसों की फसल को कीट से बचाने के लिए वैज्ञानिक तरीके बताए हैं. आइए जानते हैं कि सरसों की फसल में लगने वाले कीटों की पहचान और रोकथाम कैसे की जा सकती है.
सर्दियों में अपने शमी पौधे को हरा-भरा और स्वस्थ रखने के लिए कुछ टिप्स फॉलो कर सकते हैं. अपनी नियमित देखभाल से यह पौधा आपके घर को प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करता रहेगा.
आज के समय में ऑर्गेनिक फार्मिंग यानी जैविक खेती खूब की जा रही है, क्योंकि इसमें केमिकल युक्त फर्टिलाइजर का इस्तेमाल नहीं होता और जैविक खेती के उत्पादों का प्रयोग करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है. इसलिए सरकार भी जैविक खेती को काफी बढ़ावा दे रही है. आइए जानते हैं जैविक खेती से जुड़ी कुछ जरूरी बातें.
अगर आपको खेती-किसानी का शौक है तो आप सागवान, चंदन और महोगनी के पौधे लगाकर 15 साल में करोड़पति बन सकते हैं. आज के समय में इस पेड़ की लकड़ी काफी महंगी होती है.
किसानों के लिए नए कनेक्शन का फॉर्म भरने का काम भी कंपनी का मैदानी अमला करेगा. वहीं, सुरक्षा निधि के तौर पर 1200 रुपये प्रति हॉर्स पॉवर उपभोक्ता के पहली बार के बिल में जोड़ी जाएगी.
इन दिनों कई किसानों ने अपने खेतों में चने की फसल की बुवाई की है. हालांकि, दिसंबर के महीने में चने की फसल में खरपतवार के बढ़ने का खतरा होता है. इसलिए कृषि एक्सपर्ट्स ने खरपतवार नियंत्रण के तरीके बताएं हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन मेथी की उन्नत किस्म पूसा अर्ली बंचिंग बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. आइए जानते है इसका पूरा प्रोसेस.
किचन गार्डनिंग करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे टिप्स, जिनकी मदद से आपके पौधे फल और सब्जियों से भर जाएंगे. आइए जानते हैं कैसे.
शीतलहर का फसलों पर अलग-अलग तरह का प्रभाव पड़ता है. कुछ फसलों के लिए शीतलहर फायदेमंद है तो वहीं कुछ के लिए नुकसानदायक. आइए जानते हैं कि शीतलहर का फसलों पर क्या असर पड़ता है और इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए.
सर्दी के मौसम में गुलाब सबसे ज्यादा खिलते हैं, लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान ना रखा जाए तो गुलाब का पौधा बड़ा तो होगा, पर उसमें फूल नहीं खिलेंगे. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे टिप्स, जिनकी मदद से आप गुलाब के पौधे में जल्दी फूल खिल सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे.