scorecardresearch
 
Advertisement
खेती किसानी

Success Story: पोस्ट ग्रेजुएट किसान ने शुरू की गुलाब की खेती, मुनाफा कमाने के लिए अपनाए ये तरीके

गुलाब की खेती
  • 1/6

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक किसान के पुत्र को जब पोस्ट ग्रेजुएशन और बीएड करने के बाद भी सरकारी नौकरी नहीं मिली तो उसने हारकर बैठने की जगह अपनी परंपरागत खेती को छोड़ गुलाब की खेती शुरू करने का फैसला लिया.  

सैफुद्दीन बागवान और उनके बेटे मक़सूद
  • 2/6

यह कहानी है खारी का लांबा गांव के किसान सैफुद्दीन बागवान के एमएससी, बीएड बेटे मक़सूद की, जिन्होंने गुलाब के फूलों से खेत पर ही गुलाब जल, गुलकंद शरबत और इत्र बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से मार्केटिंग कर खूब लाभ अर्जित करना शुरू किया है. किसान मक़सूद भाप आसवन विधि से लकड़ी की भट्टी से उच्च ताप पर गर्म करके गुलाब जल बना रहे हैं. 

खेत पर ही गुलाब जल, इत्र ,गुलकंद व गुलाब का शरबत बनाते हैं
  • 3/6

मक़सूद के पिता सैफुद्दीन बागवान ने कहा कि मैं पहले परंपरागत खेती करता था लेकिन उससे अधिक मुनाफा नहीं मिलता था. हमारे दादा जी भी घर पर गुलाब जल, गुलकंद, इत्र बनाया करते थे. वर्तमान में बेटे मक़सूद के साथ खेत पर ही गुलाब की बुवाई की है और जो चैत्र महीने में गुलाब के फूल आते हैं उनसे खेत पर ही गुलाब जल, इत्र ,गुलकंद व गुलाब का शरबत बना रहे हैं. 
 

Advertisement
हर दिन 15 से 30 किलो गुलाब का उत्पादन होता है
  • 4/6

पिता सैफुद्दीन बागवान ने बताया कि बेटे मक़सूद की सरकारी नौकरी नहीं लगने पर उसने हमारे साथ गुलाब की खेती शुरू कर दी. एक बीघा गुलाब की खेती में हर दिन 15 से 30 किलो गुलाब का उत्पादन होता है. 

ऐसे बनाते हैं गुलाब जल
  • 5/6

मक़सूद ने खेत पर बन रहे गुलाब जल की विधि समझाते हुए बताया कि 30 किलो गुलाब के पुष्प से 5 से 10 लीटर गुलाब जल बनता है.1 लीटर गुलाब जल 200 से 250 रुपये प्रति किलो की भाव से बिकता है. खेत पर ही इन्होंने मिट्टी की भट्टी बना रखी है, जिसके ऊपर एक बड़ी डेग में पानी के साथ गुलाब के पुष्प डाले जाते हैं और नीचे लकड़ी से तेज आंच पर गर्म कर भाप आसवन विधि से ही गुलाब जल तैयार किया जाता है. 

खेत पर गुलाब जल, गुलकंद, इत्र व शरबत तैयार होता है
  • 6/6

पोस्ट ग्रेजुएट किसान मकसूद बागवान ने कहा कि वर्तमान में डिजिटल मीडिया का युग है. हम खेत पर जो गुलाब जल, गुलकंद, इत्र और शरबत तैयार करते हैं उनको डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए बेचते हैं, जिससे अच्छा मुनाफा मिलता है. खेत पर गुलाब जल, गुलकंद, इत्र व शरबत तैयार करते हैं वह प्रमाणिक है और शुद्धता के कारण ज्यादा बिकता है. 

(भीलवाड़ा से प्रमोद तिवारी की रिपॉर्ट)

Advertisement
Advertisement