Agriculture News: उत्तर प्रदेश में मेंथा की खेती करने वाले किसानों को अघोषित बिजली कटौती की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसान समय पर अपने खेतों को पानी नहीं दे पा रहे हैं, इसका परिणाम होगा कि मेंथा की पैदावार कम होगी और तेल कम निकल पाएगा. इसका सीधा-सीधा असर किसानों के मुनाफे पर पड़ेगा.
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले सहित कई और इलाके हैं जहां पर मेंथा की खेती की जाती है. गेहूं की कटाई के बाद ज्यादातर किसान खेतों में मेंथा लगा देते हैं. बता दें, मेंथा की खेती में कुल तीन महीने का समय लगता है और इसकी वजह से किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलता है.
किसानों ने क्या बताया?
बिजली कटौती से परेशान बाराबंकी के किसान पवन कुमार ने बताया कि मेंथा की सिंचाई के लिए पानी की ज्यादा आवश्यकता पड़ती है है. एक बीघे खेत में हफ्ते में दो बार सिंचाई की जाती है, किसान ऐसा इसलिए करते हैं ताकि जमीन में नमी बनी रहे. हालांकि, बिजली कटौती के कारण ट्यूबवेल चल नहीं पा रहे हैं, जिसकी वजह से किसानों को सिंचाई में समस्या आ रही है. पवन कुमार ने बताया कि कई बार तो 10 से 12 घंटे के लिए बिजली सप्लाई नहीं होती है.
वहीं, किसान सुनील कुमार के मुताबिक मेंथा की खेती में 10 से 15 लीटर तेल निकलता है. लेकिन पानी की व्यवस्था ना होने पर पांच लीटर ही निकल पा रहा है. जिसकी वजह से किसानों को मुनाफा नहीं कमा पाएंगे. यहां तक की मुनाफा निकालने में भी दिक्कत होगी
किसानों ने बताया कि बिजली की कटौती के कारण उन्हें जनरेटर में डीजल डालकर ट्यूबवेल चलाना पड़ता है, जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. ऐसे में किसानों ने सरकार से गुजारिश की है कि उन्हें बिजली सप्लाई सही से मिले. अगर ऐसा नहीं होगा तो उनकी फसलें खराब हो जाएंगी.