कृषि प्रधान देश भारत को और समृद्ध बनाने के लिए इस क्षेत्र में तरह-तरह की रिसर्च की जा रही हैं. ये रिसर्च न केवल देश बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चल रही हैं. इसी कड़ी में देश के इकलौते सब्जी अनुसंधान संस्थान में भी कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा सब्जियों की उन्नत किस्में तैयार करने के लिए लगातार शोध कार्य किए जा रहे हैं, इसी के तहत वाराणसी स्थित सब्जी अनुसंधान संस्थान में अब तक 100 से ज्यादा सब्जियों की उन्नत किस्में विकसित की जा चुकी हैं.
किसान तक की खबर के मुताबिक, यहां ग्राफ्टिंग विधि के जरिए एक नए तरह के पौधे का आविष्कार किया गया है, जिसे ब्रिमेटो नाम दिया है. इस पौधे में एक साथ टमाटर और बैंगन पैदा होंगे. ये कारनामा यहां के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ अनंत बहादुर ने ग्राफ्टिंग विधि द्वारा किया. खास बात ये है कि पौधा एक ही होगा, लेकिन इसकी शाखाओं में टमाटर और बैगन एक साथ लगेंगे. माना जा रहा है कि इससे टमाटर और बैगन के क्षेत्र में उत्पादन में भी इजाफा होगा और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा.
खबर के मुताबिक, वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ अनंत बहादुर ने 7 वर्षों की मेहनत के बाद ब्रिमेटो को तैयार किया है. इस एक ही पौधे से टमाटर और बैंगन की पैदावार होगी. इससे पहले डॉ अनंत बहादुर एक ही पौधे से आलू और टमाटर की उपज तैयार करने वाली किस्म भी विकसित कर चुके हैं. असल में टमाटर और बैंगन एक ही परिवार की फसलें हैं. इसी वजह से ग्राफ्टिंग विधि से ये कामयाबी मिली है.
ये देखा गया कि इसके एक पौधे से 3 से 4 किलो तक टमाटर और 3 किलो बैगन की पैदावार होती है. अच्छी पैदावार को देखते हुए ब्रिमेटो की बड़े पैमाने पर खेती की योजनाएं चल रही है. इससे किसानों को एक साथ दो फसलों का लाभ मिल सकेगा. आजकल किचन गार्डन का चलन बढ़ गया है. ऐसे में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अनंत बहादुर ने बताया कि लोग इन दिनों छतों पर गमलों के माध्यम से बागवानी कर रहे हैं. पोमेटो और ब्रिमेटो पौधे भी इनके लिए काफी ज्यादा उपयुक्त हैं.